रक्षा का बंधन
बंधन अनोखा
शहद में भीगा
मीठा मीठा
रसीले आम सा
जिसमें भरा है जीवन रस ।
कितने सुहाने थे
बचपन के वो पल
गुजारे थे जो हमने
साथ साथ
छीना झपटी ,मारा मारी
खेले कूदे साथ साथ
भाई सदा ही आगे चलता
और बहन की रक्षा करता
जब आये उस पर कोई विपदा
हाथ सदा माथे पर रखता ।
भाई -बहिन का स्नेह निराला
कितना सच्चा ,कितना प्यारा