अभिव्यक्ति
Thursday, 12 June 2025
कौआ ,बालकनी और मैं
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मुंबई शिफ्ट हुए मुझे दो साल होने को आए । यहाँ देखा कि चील ,कौए बहुत हैं ।सुबह-सुबह बालकनी से देखो तो बहुत सारे मंडराते नजर आ जाते थे । अभी ...
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Thursday, 1 May 2025
फितरत
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सच ही कहते हैं ..... हम इंसानों की बडी अजीब -सी फितरत है ........ जो होता है , संतोष नहीं जो नहीं है ,बस भागे चले जाते हैं उसके पीछे ....
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Monday, 10 February 2025
बूढ़ा बचपन
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झुकी कमर ,कांपते हाथ धुंधली आँखों के सौ सवाल खिलौनों की जगह छडी पकडता बूढ़ा बचपन मुस्कुराता हर हाल । कभी धूप में नंगे पाँव दौड़ा ...
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Sunday, 6 October 2024
नेता जी का कुत्ता
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नेता जी का कुत्ता अरे भूल हो गई .... कुत्ता नहीं ... " टौमी " नाम है उसका साथ में घूमता है गाडी में ...
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Tuesday, 30 July 2024
बरतन (लघुकथा )
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टोकरी में पड़े सारे बरतन जोर -जोर से चिल्ला रहे थे .. "ये इंसान भी ना ,क्या समझता है अपनें आप को ...जो भी गुस्सा हो ,जिससे भी गुस्सा ह...
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Sunday, 14 July 2024
मसालेदान
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"आपके मसालेदान में कभी मसाले होते ही नहीं ,जब देखो तब खाली" बहू बोली .....। मैं बस मुस्कुरा कर रह गई। मुझे साफ ,चमकता रंग बिरं...
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Friday, 26 April 2024
मिसमैच
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वाह रे जिंदगी ..... मिसमैच ...... कभी कभी लगता है पूरी जिंदगी .... जिंदगी में हर चीज मिसमैच चल रही है ..या कहें रेंग रही है अधि...
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