लगा जैसे नींद में
कोई आवाज़ दे रहा है
आओ ,आओ .....
अपना अमूल्य मत
हमें बेचो ,हमें बेचो
मुँहमाँगे दाम मिलेगें
अच्छा .........!!
हमनें कहा ....
रोजगार मिलेगा ?
हाँ ,हाँ ..जरूर.?
बस एक बार सत्ता में
आ जाने दो ..
फिलहाल कुछ बेंगनी नोटों से
काम चलाओ ..
फिर मुकर गए तो ? हम बोले
अरे भैया ,भरोसा तो करना पडेगा न ..
हम भी कुछ सोच में पड गए ..
नहीं.. नहीं ..ये सौदा नहीं करना हमें
आखिर देश की खुशहाली का सवाल है
ऐसे कैसे बिक जाए ....
हम तो एक सच्चे देशप्रेमी हैं
तभी घरवाली की जोरों की आवाज़ ने
हमें जगाया ...
अजी सुनिए ..
मुन्ना को तेज़ बुखार है
डॉक्टर को दिखाना होगा
दवाइयां लानी होगी
कुछ फल और दूध भी ...
तभी वही आवाज़ फिर से सुनाई दी
अपना अमूल्य मत ..
हमें बेचो.....
हमनें थैला उठाया
घरवाली से बोल
चलो ..तुम भी
तुम्हें भी तो वोट देना है ...।
शुभा मेहता
29 th Nov 2018