मिसमैच ......
कभी कभी लगता है पूरी जिंदगी ....
जिंदगी में हर चीज मिसमैच
चल रही है ..या कहें रेंग रही है
अधिकतर लोगों की ....
ढोए जा रहे हैं किसी तरह
ये बोझ .........
अरे , खानें के लिए सजाई गई
थाली में भी जब एक समान
' मैच ' होते बर्तन नहीं होते तो
खटकते हैं आँखों में
और हम जो हैं
ता -उम्र कैसे निभा लेते हैं
हाँ चलन है आजकल
मिक्स एंड मैच का ....
ठीक भी है ..
अच्छा लगता है
अलग -अलग रंगों का संयोजन
पर ,मिसमैच ........... ?
आपको क्या लगता है ....
शुभा मेहता
27thApril ,2024