खुलकर जियो
वर्तमान में जियो
खुशियाँ फैलाओ और
स्वयं से प्यार करो ।
स्वयं से बडा हमसफर कोई नहीं होता ।
खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो.....
कूछ रौनकें खुद से भी हुआ करती हैं ।
नहीं बनना मुझे किसी और के जैसा ,क्योंकि रब ने मुझ जैसा किसी और को बनाया ही नहीं ।
Self love स्वार्थ नहीं है ।यह जरुरी है ।स्वयं का सम्मान करो , ध्यान रखो ,अपने आप से प्यार करना सीखो ।अपनी जरूरतों को समझो ।आप अपना ध्यान रखेगें तभी दूसरों का ध्यान रख पाएंगे ।आप जैसे हैं वैसे ही स्वयं को स्वीकार करेंं ।इससे क्या होगा छोटी-मोटी बिमारियाँँ तो ऐसे ही ठीक हो जाएगीं ।क्योंकि कोई टेन्शन ही नहीं रहेगी आप स्वयं को स्वीकार जो कर चुके होंगे ।
हमें लगता है हम परफेक्ट नहीं है ,और दूसरों से तुलना करने लगते । अरे भाई परफेक्ट तो कोई नहीं होता ।सोचते रहते हैं देखो हम तो कुछ कर ही नहीं पाते और इन सभी नकारात्मक विचारों का ढेर दिमाग में जमा कर लेते हैं ।
ऐसा कभी मत करो ।सोचें कि हम कौनसा काम सबसे अच्छा कर सकते हैं ,फिर कठिन परिश्रम कीजिए सफलता जरूर मिलेगी ।
कईबार माता-पिता अपने बच्चों की हर बात में कमियाँ निकालते हैं ।दूसरो के बच्चों के साथ उनकी तुलना करते रहते ..कहते हैं ..देखो उनका बच्चा कितना होशियार है और तुम किसी काम के नही ।इससे क्या होता है बच्चों में नकारात्मकता की भावना आ जाती है उनका कोन्फिडेन्स खत्म हो जाता है जो ताउम्र उनके साथ रहता है ।ऐसा कभी मत कीजिए । हमेशा उनका हौसला बढाइये । कहिये तुम जैसा कोई नहीं। उन्हें भी सिखाइये खुद से प्यार करना ,जीवन में खूब आगे जाएंगे ।
शुभा मेहता
14th Oct 2021
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(१५ -१०-२०२१) को
'जन नायक श्री राम'(चर्चा अंक-४२१८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय अनीता ।जरूर आऊँगी ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत ही ज्ञानवर्धक वा सार्थक लेख!
ReplyDeleteआपने बिल्कुल सही कहा जब तक हम खुद से प्यार नहीं करते तब तक हमसे कोई और प्यार नहीं करता जब तक हम खुद का सम्मान नहीं करते कोई और सम्मान कर ही नहीं सकता इसलिए खुद का सम्मान खुद से प्यार करना बहुत जरूरी है अगर आप चाहते हैं कि कोई आपसे प्यार करें सम्मान करें आपका तो! जिस तरह हम अपने काम को सम्मान नहीं देते तो दूसरे लोग भी नहीं देते ठीक उसी तरह जब तक हम खुद को सम्मान नहीं देंगे कोई और हमें सम्मान नहीं देगा!
बहुत ही उम्दा प्रस्तुति
बहुत-बहुत धन्यवाद मनीषा जी ।
Deleteखुलकर जियो
ReplyDeleteवर्तमान में जियो
खुशियाँ फैलाओ और
स्वयं से प्यार करो ।
स्वयं से बडा हमसफर कोई नहीं होता ।
खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो.....
कूछ रौनकें खुद से भी हुआ करती ....वाह शुभा जी आज दशहरे के दिन इससे सुंदर बात कुछ हो नहीं सकती, अभी पिछले नवरात्रि में कोविड जान लेने के पीछे पड़ा हुआ था ।ऐसे में हम सभी को जीवन का मूल्य समझना चाहिए ।सार्थक और सामयिक आलेख के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं ।
बहुत -बहुत धन्यवाद जिज्ञासा ।
Deleteबहुत सुन्दर लेख
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आलोक जी ।
ReplyDeleteखुलकर जियो
ReplyDeleteवर्तमान में जियो
खुशियाँ फैलाओ और
स्वयं से प्यार करो ।
स्वयं से बडा हमसफर कोई नहीं होता ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति,शुभा दी।
धन्यवाद ज्योति ।
Deleteसही कहा शुभा जी आपने स्वयं से प्यार करना बेहद जरूरी है...सबसे प्यार और सबकी परवाह में हम स्वयं को भूल जाते है...
ReplyDeleteबहुत ही सारगर्भित एवं सार्थक सृजन।
वाह!!!
धन्यवाद सुधा जी ।
ReplyDeleteठीक कहा आपने।
ReplyDeleteधन्यवाद जितेन्द्र जी ।
Deleteसार्थक लेख सखी।
ReplyDeleteधन्यवाद सखी ।
Deleteखुद से प्रेम करना बहुत ज़रूरी है ... खुद को समझना अभूत ज़रूरी है ...
ReplyDeleteजीं खुद का है ... सार्थक लेखन ...