Monday, 5 February 2024

झगडा ....

तीर ,कटार ,बरछी ,भाला 
 सभी आपस में झगड रहे थे 
 हम एक वार में किसी का भी 
  कर सकते हैं काम -तमाम 
  तभी दीवार पर टंगी बंदूक 
   इठला कर बोली ..
    मुझ -सा दम किसी में नहीं ..
     और शब्द .............
      पीछे से ,बस ..
        हौले -से मुस्कुरा दिए.....।

शुभा मेहता 
6th January ,2024


10 comments:

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सर

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    2. बातों के नश्तर, शब्दों के तीर, ह्रदय देते चीर, करते घाव गंभीर. संक्षिप्त और सच बात. शुभकामना और बधाई !

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    3. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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  2. कमाल का व्यंग ... शब्द की महिमा बहुत है ...

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  3. बहुत-बहुत धन्यवाद दिगंबर जी

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  4. Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ओंकार जी

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  5. वाह!!!
    बहुत ही लाजवाब👌👌🙏🙏

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी

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