आज बाल दिवस है यानि चाचा नेहरु का जनम दिन । बचपन मे निबन्ध रटते थे कि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था इसलिए उनका जनमदिन बालदिवस के रूप मे मनाया जाता है ।तब हमारे लिए बाल दिवस का मतलब नये कपडे पहन कर ,स्कूल जाना और पढाई से छुट्टी होता था कयोकि पूरे दिन बाल मेला व सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते थे ।
आज भी स्कूलोँ मे बालदिवस मनाते है । और आज भी इस दिन बच्चे खूब मजा करते है । पर हमें यही अपने कर्तव्य की इतिश्री नही मान लेनी चाहिए ।आज के बच्चे कल का भविष्य हैं उन्हें अच्छी शिक्षा व संस्कार देना है ।अघिकतर देखा गया है कि बच्चों को पढाते या सिखाते समय नकारात्मक सीख दी जाती है जैसे -ये मत करो ,या फिर उधर मत जाओ । इसकी जगह अगर हम ये कहें कि ये काम करो देखो कितना अच्छा है ,इधर आओ तो उनपर सकारात्मक असर होगा और आगे जाकर उनका उत्तम विकास होगा ।
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