स्वच्छ भारत ,स्वस्थ भारत का ,
नारा गूँज रहा है चारो ओर ,
गली -मोहल्लों मे ,
बैठकें बुलवाई गई ,
रखना है सभी को ध्यान सफाई का ,
आदेश फरमाए गए ।
जगह -जगह बडे-बडे ,'डस्टबीन' रखवाए गए ।
होता था साथ में चाय -नाश्ते का प्रावधान भी, और अंत में स्वच्छ भारत के नारे के साथ
सभा समाप्ति की घोषणा ।
और फिर वहाँ का मंजर ,क्या बताएँ ...
खाली गिलासों का ढेर, जो हवा के साथ उड़कर फैलते है चारों ओर ,
डस्टबीन बेचारे ,मुंह खोले ,आस लगाए ,
शरमा रहे होते है अपनी उपस्थिति पर ,
और ये तथाकथित पढे-लिखे लोग ,
किनारे खडे होकर गप्पें हाँक रहे होतें हैं ।
उधर सडक पर कोई नेता जी ,
खडे हैं ब्रांड न्यू झाड़ू ले कर ,
केमरामैन पीछे-पीछे दौड रहे है ,
कौनसा पोज़ अच्छा रहेगा ?
कर्मचारी साथ में खुशबूदार सेनेटाइज़र लिए ।
हम भी सोचने पर मजबूर हो गए ,
ऐसे बनेगा स्वच्छ भारत ?
पर आज जब देखा, एक बच्चे को ,
चॉकलेट खाकर रेपर हाथ में लिए है ,
माँ कह रही है बेटा फ़ेंक दे सड़क पर ,
बच्चा बोला -डालूँगा इसे कूड़ेदान में ,
आपको पता नहीँ क्या?
हमें देश को स्वच्छ बनाना है ,
इसकी शान बढ़ाना है ।
सही कहा शुभा जी कोरी बातों से नही स्वच्छ्ता के लिये बच्चों के साथ भारत के प्रत्येक नागरिक को जागरूक होना पड़ेगा
ReplyDeleteस्वच्छता के लिए सभी को साथ आना होगा।सुन्दर रचना।
ReplyDeleteस्वच्छता के लिए सभी को साथ आना होगा।सुन्दर रचना।
ReplyDelete