मिसमैच ......
कभी कभी लगता है पूरी जिंदगी ....
जिंदगी में हर चीज मिसमैच
चल रही है ..या कहें रेंग रही है
अधिकतर लोगों की ....
ढोए जा रहे हैं किसी तरह
ये बोझ .........
अरे , खानें के लिए सजाई गई
थाली में भी जब एक समान
' मैच ' होते बर्तन नहीं होते तो
खटकते हैं आँखों में
और हम जो हैं
ता -उम्र कैसे निभा लेते हैं
हाँ चलन है आजकल
मिक्स एंड मैच का ....
ठीक भी है ..
अच्छा लगता है
अलग -अलग रंगों का संयोजन
पर ,मिसमैच ........... ?
आपको क्या लगता है ....
शुभा मेहता
27thApril ,2024
बढ़िया ..मिसमैच ना हो तो जीवन में मजा कम रहेगा
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
Deleteविरोधाभास जीवन में रोचकता भर देता है, अनेकता में एकता देखने का गुर आना चाहिए
ReplyDeleteसही कहा अनीता जी
Deleteदिल है कि मानता नहीं मिस मैच या मैच मिस ? हा हा | नजरिये में धोखा बना रहे |
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आलोक जी
Deleteसुंदर
ReplyDeleteज़िंदगी की हकीकत यही है ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर.अभिव्यक्ति दी।
सादर।
बहुत ही बढ़ियां
ReplyDeleteजितनी सरल आप हैं उतनी सरल आपकी अभिव्यक्ति 🙏
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