अस्थमा रोग में सूर्यनमस्कार के लाभ -
सूर्यनमस्कार के नियमित अभ्यास से श्वसन क्रिया की कार्य क्षमता बढ जाती है ,और अस्थमा के हमले पर नियंत्रण किया जा सकता है ।और क्रमश: इसके निरंतर अभ्यास से इसे जडमूल से मिटाया जा सकता है ।
इसके अभ्यास से श्वसननलियाँ विकसित होकर विपुल मात्रा मे प्राणवायु अंदर लेती हैं जिससे छोटी से छोटी रक्त वाहक कोशिकाएं श्वसन कार्य खूब अच्छी तरह से कर सकती हैं ।
सूर्यनमस्कार की क्रिया में बारह विविध स्थितियां आती हैं और हर एक स्थिति में सूर्य के बारह नामों में से एक का उच्चारण किया जाता है ।एक नमस्कार मे क्रमश: नमस्कारासन,पर्वतासन,हस्तापदासन,एकपादप्रसरणासन,भूधरासन,अष्टांगप्रणिपातासन,भुजंगासन, भूधरासन,एकपादप्रसरणासन,हस्तपादासन व नमस्कारासन किये जाते है ।
इसका अभ्यास जानकार के निर्देशन में ही करना चाहिए
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