बचपन में इक दूजे की
थाम उँगली चलना
खेलना -कूदना
लडना -झगडना
एक ही खिलौने के लिए
कभी शाला में
गलती होने पर
एक -दूसरे को
डाँट से बचाने की कोशिश
कभी एक -दूसरे की
कॉपियों से नकल करना
करना अदल-बदल
टिफिन अपने -अपने
कभी घर बुलाना
या उसके घर जाना
घंटों बैठकर
यूँ ही बतियाना
ये नाता दोस्ती का
है कितना प्यारा
कि दिल के
किसी कोने में
दबी हुई अनकही बातें
खुल जाती हैं
सहजता से
उसके आगे
परत दर परत
शायद यही
होती है दोस्ती
समय के साथ
बढती दोस्ती ।
शुभा मेहता
6th Aug ,2016
Excellent tribute to friends on a friendship day bhasha pravanta hai aur seedhi saral baat kitni acchi tarah kahti hai wahhh majaa aa gya sundar nhi atisundar aeise hi chlti rahe teri kalam
ReplyDeleteBahut bahut deerghyajeewi ho yash prapti ho bahut bahut snehil pyaar
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 08 अगस्त 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत - बहुत धन्यवाद यशोदा जी ।
Deleteबहुत - बहुत धन्यवाद यशोदा जी ।
Deleteबहुत खूब. सीधे सरल शब्दों में दिल में उतरने वाली बात. मित्रता दिवस की शुभकामनाएं.
ReplyDeleteधन्यवाद हेमंत जी
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteVery nice Shubha ji.
ReplyDeleteThanku so much Sanjay ji
DeleteThanku so much Sanjay ji
Deleteदूर भी हों पर उनके होने के
ReplyDeleteअहसास जब पास ही होते
वही दोस्त कहलाते हैं
सही कहा आपनें संजय जी ,धन्यवाद ।
DeleteSundar sehaj shabdon ke saath anupam prastuti.....
ReplyDeleteBahut bahut dhanyvad .
DeleteBahut bahut dhanyvad .
DeleteBahut -bahut dhanyvad
DeleteBahut -bahut dhanyvad
Deleteसब रिश्तों से खूबसूरत है दोस्ती..सुंदर रचना !
ReplyDeleteएक नई दिशा !
बहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteये दोस्ती यूँ ही फलती फूलती रहे ... दिल एमिन सदा समाई रहे ...
ReplyDeleteBahut aabhar aapka .
DeleteBahut aabhar aapka .
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