सन् 2016 अब समाप्ति के कगार पर है । वर्ष का अंतिम महीना बस शुरु होने ही वाला है ।नये वर्ष के आगमन की प्रतीक्षा है ।
चलिए आज आकलन करते हैं, पिछले ग्यारह महीनों में , क्या खोया क्या पाया ?
अब जरा पीछे की ओर नजर दौडाते हैं.....
जनवरी 2016 ..नववर्ष की शुभकामनाएँ ,पार्टी, खेल ...वाह !कितना मजा आया था न ।
पर क्या हमें वो वादे याद हैं ,जो हमनें स्वयं से किये थे । जिन पर हमने ईमानदारी से चलने की कसम ली थी ,हाँ याद है न मैंने तो सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करने की कसम ली थी ..और मैंने .................
पर समय कहाँ मिल पाता है रोज -रोज ......
साल के पहले दिन हम सभी जोश ही जोश में कुछ नया करने , जीवन में बहुत कुछ पाने के, और भी न जाने क्या क्या वादे स्वयम् से कर लेते हैं ,और फिर जुट भी जाते हैं ,उन्हें पूरा करने में पूरे जोश के साथ ।
फिर धीरे -धीरे जैसे -जैसे समय गुजरता जाता है सब ठप्प ....। कुछ ही लोग होते हैं जो अंत तक जुटे रहते हैं और सफल भी होते हैं
सोचने वाली बात है ऐसा क्यों होता है ,हम क्यों स्वयम् से किया वादा निभा नहीं पाते ?
कारण , या तो हमारा आलस या नीरसता और हम असफलता का दोष समय को देने लगते है ..क्या करें टाइम ही नही मिलता ऐसे वाक्यों से मन को बहलाते हैं
अरे, समय तो सभी के पास समान ही होता है फिर क्यों कोई सफल और कोई असफल ....
चलिये कोई बात नहीं ,अभी भी समय है ,एक महीना ,जितना भी हो सके उतना पा लो ,आज ही से शुरुआत कर दें ,कुछ तो मिलेगा और नववर्ष आने पर फिर एक नया प्रण ...पर इस बार पूरी ईमानदारी से ।
Kitni imandari se likhti hai aur sahaj bhasha wah.... bahut hi bdhiya lekh h aur ab kamar kas kal subah se hi thodi bahut un vadon ko nibhane ki koshish karein jo saal ke shuruwat mein khud se kiye thhe aur tu bas likhe jaa aur khoob bdhiya bdhiya gaano ko upload kiye jaa jivtii rah bahen deerghayu ho 😊😊
ReplyDeleteअच्छा लिखा ...............
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
बहुत -बहुत धन्यवाद।
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Deleteसही कहा आपने कि जब तक हम लिए गए वादों को पूरा नही करेंगे तब तक वो वादे वादे ही रह जायेंगे।
ReplyDeleteआभार ज्योति जी ।
ReplyDeleteआभार ज्योति जी ।
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