मेरे सभी ब्लोगर मित्रों को शुभकामनाएँँ 💐💐💐💐💐💐🙏🏻🙏🏻
वैसे मैं कोई कवियत्री नहीं हूँ ,हाँ कभी -कभी मन के भावों को सरल शब्दों में अभिव्यक्त कर लेती हूँ और आप सभी साथियों का स्नेह भाव पा लेती हूँ । हृदय से आप सभी का धन्यवाद 🙏🏻
दिल नें कहा ,चल आज कुछ सृजन कर
शब्दों नेंं कहा ,हमें जल्दी बाहर निकालो
अपने विचारों को कागज पर उतारो
वरना बहुत देर हो जाएगी और
हम हमेशा की तरह दिमाग से निकल कर
कभी दाल और कभी सब्जी में मसालों के साथ
हो जाएगें जज़्ब............।
या फिर परात में उछल -कूद करते
गुँथ जाएगें आटे के साथ
सिक जाएंगे रोटियों के साथ
नहीं...................
इतना जुल्म मत करना
अभी ले लो हाथ कलम
कर डालो सृजन ।
शुभा मेहता
21 March ,2021
क्या बात है ! वाह
ReplyDeleteधन्यवाद गगन जी ।
Deleteकविता दिवस की बधाई दी:)
ReplyDeleteरसोई में भी कागज़ कलम लेकर जाइये
कलछी चलाते हुए नये गीत गुनगुनाइये
सब्जी चलाते या आटा गूँथते विचारों में
छौंक-बघार के चटख स्वाद का तड़का लगाइये
--–
धन्यवाद श्वेता । बहुत समय बाद आपको देखकर दिल खुश हो गया ।
Deleteठीक ही सोचा आपने । वैसे सच्चे कवि / कवयित्री के लिए तो प्रत्येक दिवस ही कविता दिवस होता है ।
ReplyDeleteधन्यवाद जितेन्द्र जी ।जी ,सही कहा आपनें ।
Deleteवाह
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी ।
Deleteबहुत खूब लिखा है, अक्सर ऐसा ही होता है, बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ज्योति जी ।
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद अनुज रविन्द्र जी । जी ,जरूर आऊँगी ।
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर सराहनीय
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति रेखाचित्र के रूप में।
ReplyDeleteधन्यवाद सर ।
Deleteआखिर हो ही गया सृजन ,मसालों के साथ ।
ReplyDeleteधन्यवाद संगीता जी ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteविश्व कविता दिवस पर मनोभावों की गहन अभिव्यक्ति।
धन्यवाद आदरणीय सर ।
Deleteवाह!बहुत सुंदर आदरणीय दी।
ReplyDeleteहम हमेशा की तरह दिमाग से निकल कर
कभी दाल और कभी सब्जी में मसालों के साथ
हो जाएगें जज़्ब............।
या फिर परात में उछल -कूद करते
गुँथ जाएगें आटे के साथ
सिक जाएंगे रोटियों के साथ..वाह!👌
बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय अनीता
Deleteबहुत सुंदर सृजन जी ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteकविता वही है जो मन से मन को छू जाए ...
ReplyDeleteभावों की अभिव्यक्ति ही कविता है ... होली की बहुत शुभकामनायें ...
बहुत-बहुत धन्यवाद दिगंबर जी ।
Deleteकविता दिवस के संदर्भ में लिखी
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति
कविता मन में उपजते विचारण को शब्द
देती है
कविता वही जिसमें विचार हो
आपकी कविता में विचार है
सुंदर कविता
शुभकामनाएं
बहुत-बहुत धन्यवाद ज्योति जी ।
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ReplyDeleteकविता दिवस पर आपके द्वारा लिखी गई कविता की अभिव्यक्ति मुझे मेरे मन के बहुत करीब लगी शुभा जी । अति सुन्दर ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद मीना जी ।
Deleteजिस किसी भी परिप्रेक्ष्य में लिखी आपने ये कविता,परंतु बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति है आपकी । सादर शुभकामनाएं।
ReplyDeleteधन्यवाद ।
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