इन पंछियों से सीखो कुछ ..
कैसे कुछ दिन बाद ही ,
जब जान जाते हैं
कि हो गए सक्षम
दे देते हैं नन्हें बच्चों को
खुला आसमान ..
क्या पता है हमें
कि आते होगें
ये बच्चे कभी
मिलने ....
तो फिर हम क्यों
इतने तन्हा
इतने उदास
इंतजार करते
आने का उनके
सीखो ना ....
पंछियों से ...
क्या इनके पास दिल होता है
पता नही
हाँ ....इतना पता है
इनके पास फोन नहीं होता
इनके कान नहीं तरसते होंगे ना
फोन की घंटी सुनने को ...
शायद भूले हुए पंछियों का
फोन आ जाए ......
शुभा मेहता
22thDec ,2023