धुंधली आँखों के सौ सवाल
खिलौनों की जगह छडी पकडता
बूढ़ा बचपन मुस्कुराता हर हाल ।
कभी धूप में नंगे पाँव दौड़ा
आज छांव में ठहर गया
जो कल था उछलता पानी -सा
अब चुपचाप ठहर गया है
खेलता दोस्तों संग कभी
अब यादों संग खेलता है
शुभा मेहता
10th February, 2025