Friday 11 October 2013

प्यारी बिटिया

वो नन्हे कदमों से ठुमक ठुम चलना,
    वो हँसना किलक कर गलेबाँह धरना,
    वो सोना लिपटकर सुनकर नन्ही परी,
      याद आता है,आता बहुत याद मुझको ।
   वो मिसरी सी धोले है कानों में,
      मेरे हां...मम्मा,
      वो प्यारी सी मुस्कान,वो मीठी सी हँसी,
      कभी गुस्सा होना, कभी समझाना कुछ,
        बहुत ही दुलारी है,बिटिया हमारी,
         परी नन्ही मेरी है,जादू की पुड़िया।

1 comment:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार, कल 19 नवंबर 2015 को में शामिल किया गया है।
    http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !

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