शब्द ...
प्रस्फुटित होते हुए
धीरे -धीरे
ले रहे आकार
एक रचना का
टेढ़े -मेढ़े
छोटे ;बड़े
सभी तरह के
शब्द ... .
दिलो -दिमाग पर छाये
ऊपर -नीचे हो रहे
किस शब्द से
शुरुआत करूँ
बन जाये
गीत एक
संगीत एक
ले रहा आकार
जहन में
धीरे -धीरे
कह रहा
चुपके से
ढाल दो
हमें भी
संगीत में ।
Wah kya baat ek jbrdst prayog
ReplyDeleteपहली शब्द फिर संगीत ... और फिर कल्पना की उड़ान ... सब हों तो संभव हिन् भाव ...
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