Sunday, 15 May 2016

शब्द

  शब्द ... 
    प्रस्फुटित होते हुए
      धीरे -धीरे
      ले रहे आकार
       एक रचना का
       टेढ़े -मेढ़े
         छोटे ;बड़े
          सभी तरह के
          शब्द ... .
       दिलो -दिमाग पर छाये
      ऊपर -नीचे हो रहे
       किस शब्द से
      शुरुआत करूँ
       बन जाये
      गीत एक
     संगीत एक
     ले रहा आकार
     जहन में
     धीरे -धीरे
      कह रहा
     चुपके से
     ढाल दो
    हमें भी
     संगीत में ।

2 comments:

  1. Wah kya baat ek jbrdst prayog

    ReplyDelete
  2. पहली शब्द फिर संगीत ... और फिर कल्पना की उड़ान ... सब हों तो संभव हिन् भाव ...

    ReplyDelete