Wednesday, 30 September 2020

दिखावा ...(.लघुकथा )

माँ जी ,आज मेरी माँ की तबियत ठीक नहीं है ,क्या थोडी देर के लिए मिल आऊँ । माला नेंं अपनी सास से डरते-डरते पूछा । 
 घर का काम कौन करेगा ? आज से नौकर भी छुट्टी पर है और मुझे तो महिला सशक्तिकरण के बारे में जो प्रोग्राम है वहाँ जाना है ,तुम्हें पता है महिलाओं पर होने वाले अत्याचर के खिलाफ हमने मुहिम छेड रखी है ।और हाँ घर खूब अच्छी तयह से साफ करना , मेरी कुछ सहेलियां आएगी और उनके लिए नाश्ते का इंतजाम भी करना है । 
  शुभा मेहता 
30th sept. ,2020

3 comments:

  1. बहुत अच्छी लघुकथा है यह आपकी शुभा जी । हमारे समाज में ऐसी घटनाएं प्रत्यक्ष घटित होती दिखती हैं । हम दोहरे मानदंड अपनाकर भी स्वयं को श्रेष्ठ मानते हैं । अभिनंदन आपका ।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद जितेन्द्र जी ।

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  2. प्रभावशाली लेखन - - दीपावली की असंख्य शुभकामनाएं - - नमन सह।

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