Thursday 14 October 2021

स्वयं से प्यार करो (self love)

अगर चाहते हैं जीवन में कुछ करना ,सबके प्रिय बनना तो अपनाओ इन सभी बातों को ......
खुलकर जियो 
 वर्तमान में जियो 
 खुशियाँ फैलाओ और 
 स्वयं से प्यार करो ।
 स्वयं से बडा हमसफर कोई नहीं होता ।
  खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो.....
   कूछ रौनकें खुद से भी हुआ करती हैं ।
   नहीं बनना मुझे किसी और के जैसा ,क्योंकि रब ने मुझ जैसा किसी और को बनाया ही नहीं ।
 Self love स्वार्थ नहीं है ।यह जरुरी है ।स्वयं का सम्मान करो , ध्यान रखो ,अपने आप से प्यार करना सीखो ।अपनी जरूरतों को समझो ।आप अपना ध्यान रखेगें तभी दूसरों का ध्यान रख पाएंगे ।आप जैसे हैं वैसे ही स्वयं को स्वीकार करेंं ।इससे क्या होगा छोटी-मोटी बिमारियाँँ तो ऐसे ही ठीक हो जाएगीं ।क्योंकि कोई टेन्शन ही नहीं रहेगी आप स्वयं को स्वीकार जो कर चुके होंगे ।
हमें लगता है हम परफेक्ट नहीं है ,और दूसरों से तुलना करने लगते । अरे भाई परफेक्ट तो कोई नहीं होता ।सोचते रहते हैं देखो हम तो कुछ कर ही नहीं पाते और इन सभी नकारात्मक विचारों का ढेर दिमाग में जमा कर लेते हैं ।
ऐसा कभी मत करो ।सोचें कि हम कौनसा काम सबसे अच्छा कर सकते हैं ,फिर कठिन परिश्रम कीजिए सफलता जरूर मिलेगी । 
कईबार माता-पिता अपने बच्चों की हर बात में कमियाँ निकालते हैं ।दूसरो के बच्चों के साथ उनकी तुलना करते रहते ..कहते हैं ..देखो उनका बच्चा कितना होशियार है और तुम किसी काम के नही ।इससे क्या होता है बच्चों में नकारात्मकता की भावना आ जाती है उनका कोन्फिडेन्स खत्म हो जाता है जो ताउम्र उनके साथ रहता है ।ऐसा कभी मत कीजिए । हमेशा उनका हौसला बढाइये । कहिये तुम जैसा कोई नहीं। उन्हें भी सिखाइये खुद से प्यार करना ,जीवन में खूब  आगे जाएंगे ।

शुभा मेहता 
14th Oct 2021
  

18 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(१५ -१०-२०२१) को
    'जन नायक श्री राम'(चर्चा अंक-४२१८)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    ReplyDelete
  2. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय अनीता ।जरूर आऊँगी ।

    ReplyDelete
  3. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  4. बहुत ही ज्ञानवर्धक वा सार्थक लेख!
    आपने बिल्कुल सही कहा जब तक हम खुद से प्यार नहीं करते तब तक हमसे कोई और प्यार नहीं करता जब तक हम खुद का सम्मान नहीं करते कोई और सम्मान कर ही नहीं सकता इसलिए खुद का सम्मान खुद से प्यार करना बहुत जरूरी है अगर आप चाहते हैं कि कोई आपसे प्यार करें सम्मान करें आपका तो! जिस तरह हम अपने काम को सम्मान नहीं देते तो दूसरे लोग भी नहीं देते ठीक उसी तरह जब तक हम खुद को सम्मान नहीं देंगे कोई और हमें सम्मान नहीं देगा!
    बहुत ही उम्दा प्रस्तुति

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद मनीषा जी ।

      Delete
  5. खुलकर जियो
    वर्तमान में जियो
    खुशियाँ फैलाओ और
    स्वयं से प्यार करो ।
    स्वयं से बडा हमसफर कोई नहीं होता ।
    खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो.....
    कूछ रौनकें खुद से भी हुआ करती ....वाह शुभा जी आज दशहरे के दिन इससे सुंदर बात कुछ हो नहीं सकती, अभी पिछले नवरात्रि में कोविड जान लेने के पीछे पड़ा हुआ था ।ऐसे में हम सभी को जीवन का मूल्य समझना चाहिए ।सार्थक और सामयिक आलेख के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत -बहुत धन्यवाद जिज्ञासा ।

      Delete
  6. बहुत-बहुत धन्यवाद आलोक जी ।

    ReplyDelete
  7. खुलकर जियो
    वर्तमान में जियो
    खुशियाँ फैलाओ और
    स्वयं से प्यार करो ।
    स्वयं से बडा हमसफर कोई नहीं होता ।
    बहुत सुंदर प्रस्तुति,शुभा दी।

    ReplyDelete
  8. सही कहा शुभा जी आपने स्वयं से प्यार करना बेहद जरूरी है...सबसे प्यार और सबकी परवाह में हम स्वयं को भूल जाते है...
    बहुत ही सारगर्भित एवं सार्थक सृजन।
    वाह!!!

    ReplyDelete
  9. धन्यवाद सुधा जी ।

    ReplyDelete
  10. Replies
    1. धन्यवाद जितेन्द्र जी ।

      Delete
  11. सार्थक लेख सखी।

    ReplyDelete
  12. खुद से प्रेम करना बहुत ज़रूरी है ... खुद को समझना अभूत ज़रूरी है ...
    जीं खुद का है ... सार्थक लेखन ...

    ReplyDelete