एक गरम ,
चाय की प्याली
देती अलसायों को
अद्भुत ताजगी
सभी चाय प्रेमियों की
पसंद अलग-अलग
कोई मन भाए अदरक वाली ,
कोई मसाले वाली
कोई पीवे डाल इलायची
कोई पुदीने वाली ।
जीवन भी लगता
मुझको तो
चाय की प्याली जैसा
कभी कडक ,
कभी माइल्ड ..
कभी कम चीनी
कभी अधिक ..
अगर डाल दो पत्ती ज्यादा
देती है कडवाहट
जीवन भी तो ऐसा ही है
कभी मीठा ,कभी कडवा .।
शुभा मेहता
16 th Dec ,2019
Excellent connecting travails of life with tea on this day of International Tea Day shows how much you like tea and your prowess in making tea also a subject of poem well done superbly written 💐💐💐👍👍👍😊😊😊
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना सखी 👌
ReplyDeleteधन्यवाद सखी ।
DeleteGood one
ReplyDeleteधन्यवाद भाई ।
Deleteवाह सुंदर रचना दी चाय दिवस पर:)
ReplyDeleteधन्यवाद श्वेता ।
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (16-12-2019) को "आस मन पलती रही "(चर्चा अंक-3551) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं…
*****
रवीन्द्र सिंह यादव
बहुत-बहुत धन्यवाद रविन्द्र जी ।
Deleteबहुत सुन्दर रचना चाय पर।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी ।
Delete"जीवन भी तो ऐसा ही है कभी मीठा, कभी कडवा"
ReplyDeleteबहुत-बहुत आभार आदरणीय ।
Deleteजिंदगी कभी चाय की प्याली या कभी उसके इर्द-गिर्द ...
ReplyDeleteबहु आयाम दिए हैं चाय को ...
धन्यवाद दिगंबर जी ।
Deleteवाह !आदरणीया दीदी जी क्या ख़ूब कहा
ReplyDeleteसादर
धन्यवाद प्रिय अनीता ।
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद रवीन्द्र जी ।
Deleteबहुत खूब शुभा बहन,
ReplyDeleteठंड़ और गरम चाय का मजा तो और भी खास हुआ ।
बेहतरीन।
बहुत-बहुत धन्यवाद कुसुम जी ।
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद कुसुम जी ।
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteशुभा दी, चाय की महत्ता को बहुत ही सुन्दर शब्दो मे व्यक्त किया हैं आपने।
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