Sunday, 27 December 2020

एक पत्र , मानव के नाम ......

नमस्ते 🙏🏼हे मानव ,
    
         आज मैं बहुत खुश हूँ ,बताऊँ क्यों ? 
   बस चार दिन शेष हैं मेरी जिंदगी के .....😊
   आप कहेगें ,अरे भाई .... जीवन समाप्त होने को है और तुम खुश हो !  हाँ ...बहुत खुश ....।
    मैंने अपनी तीन सौ इकसठ दिन की अब तक की जिंदगी में क्या-क्या नहीं झेला ,सिर्फ़ बद्दुआएं ही आई मेरे हिस्से में , सभी को कहते सुनता हूँ ऐसा साल कभी न आए । अब चार दिन और झेलना है ।देखो सभी खुशी-खुशी मेरी विदाई की तैयारी कर रहे हैं ।
 पर मेरा आप सभी से एक सवाल है ,इन सबमें मेरा क्या दोष है ? ये "वाइरस' जो मेरे साथ-साथ चला आया ,मेरे साथ क्या ये तो पहले से ही प्रवेश कर गया था ,मेरी बदनसीबी यही कि मुझे इसके साथ रहना पडा ..और इतनी बद्दुआएं झेलनी पडी ।
   मुझे कितना बुरा लगता है ,जब बात-बात में मुझे ही कोसा जाता है ।मैंने भी चाहा था ,मेरे रहते चारों ओर खुशियाँ हों । मैंने कभी नहीं चाहा कि लोग परेशान हो ,अकाल  मौत मरें ।
    पर एक बात तो आप भी मानेंगे कि कुछ अच्छी आदतें भी सिखा कर जा रहा हूँ मैं ,मानते हैं न ?
  अब जाते-जाते यही दुआ है मेरी ....आने वाला वर्ष आप सबके लिए खुशियाँ लेकर आए ,धरती पर फिर से खुशहाली हो ,मिलना-जुलना हो ..।
   चलो अब चलता हूँ । 
आपका 
   2020 ..
  शुभा मेहता 
28th Dec ,2020

38 comments:

  1. २०२० को सच में इसी तरह याद रखेंगे ... पर इंसान को अपनी औकात दिखाने वाला साल भी यही माना जायगा ...
    विदा २०२० विदा ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद दिगंबर जी

      Delete
  2. बीते साल को दृष्टिगोचर करती सुन्दर पाती..सुन्दर सृजन..

    ReplyDelete
  3. Replies
    1. बहुत-बहि धन्यवाद विभा जी ।

      Delete
  4. बहुत सुन्दर पाती । नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद सखी . आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।

      Delete
  5. बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद ओंकार जी ।

      Delete
  6. बहुत बहुत सराहनीय , सुन्दर

    ReplyDelete
  7. जी वर्ष 2020 की शिकायत भी सही है। आपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं और बधाई।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद विरेन्द्र जी ।आपको भी नववर्ष की ढूरी शुभकामनाएँँ ।

      Delete
  8. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय सखी ।

    ReplyDelete
  9. सही बात है अच्छी आदतें भी सिखाकर जा रहा है..बहुत सुन्दर सच्चा पत्रमानवता के नाम...
    वाह!!!

    ReplyDelete
  10. बहुत सुंदर पाती

    ReplyDelete
  11. हार्दिक शुभकामनाएँ ।

    ReplyDelete
  12. ख़ूबसूरत और जज़्बाती ख़त लिखा है आपने शुभा जी गुज़रते हुए साल की तरफ़ से । और सच भी है, साल का क्या कसूर ?

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद जितेन्द्र जी ।

      Delete
    2. बहुत-बहुत धन्यवाद जितेन्द्र जी ।

      Delete
  13. 🙏नववर्ष 2021 आपको सपरिवार शुभऔर मंगलमय हो 🙏

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपको व आपके परिवार को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।

      Delete
  14. प्रिय शुभा जी,

    💐🙏🏻💐 नववर्ष 2021 के आगमन पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏🏻💐

    बहुत विचारपूर्ण सार्थक प्रस्तुति

    सदैव इसी तरह ऊर्जावान सृजन करती रहें
    पुनः हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
    सस्नेह,
    - डॉ. वर्षा सिंह

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ 💐💐💐💐💐

      Delete
  15. शुभा दी,बीते साल में जो कुछ हुआ उसमें साल का कोई कसूर नहीं है। ये तो इंसान की फिदरत है कि वो हर बास्त के लिए किसी न किसी को ड्योढ़ी ठहराता है। बहुत सुंदर रचना।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद ज्योति ।

      Delete
  16. अब तो ये पत्र दो माह पुराना हो गया है । लेकिन पत्र के माध्यम से 2020 का दर्द स्पष्ट हो रहा ।
    मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आभार ।

    ReplyDelete