Sunday, 23 May 2021

कोरोना जंग

आज पंद्रह दिन की लडाई के बाद ,लग रहा है मानों कोई बहुत बडी जंग जीत कर आए हैं ..अरे...रे..घबराइये मत ,मैं किसी अस्त्र -शस्त्र वाली जंग की बात नहीं कर रही दोस्तों ...मैं तो उस भयानक दैत्य से जंग की बात कर रही हूँ ...नहीं पहचाना ? चलिये मैं ही बता देती हूँ ...आज से पंद्रह दिन पहले मैं सपरिवार कोविड पोजिटिव पाई गई .....न कहीं गई बाहर गई ,सभी तरह की सावधानी बरतने के वावजूद भी पकड ही लिया इसने । ईश्वर कृपा और आप सभी की दुआओं से अब सब ठीक है । 
  यहाँ मैं सभी को बताना चाहूँगी कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद ये कोरोना अधिक तकलीफ नहीं देता ,इसलिए सभी से निवेदन करूँगी कि वैक्सीन अवश्य लें । अगर हमारी तरह फिर भी आ गए चपेट में तो समय से दवाइयाँ लें ,खूब पानी पिएँ ,फल खाएँ ,पौष्टिक खुराक लें । 
  पहले मैं अपनी एक कविता जो मैंने 24April,2020 को लिखी थी साँझा करना चाहूँगी ......
सबक

इस बंधनकाल नें
बहुत कुछ हमको सिखा दिया 
कैसे जीवन जीना है 
 पाठ यह पढा़ दिया 
 भूल चले थे 
 जिन बातों को 
 याद उन्हें दिला दिया ।
 मिलजुल कर कैसे 
 रहना है .......
 काम बाँट कैसे करना है ,
 जीवन मंत्र 
 सिखला दिया..,
 हँसते -गाते ,खेल -खेल में
 काम खत्म हो जाता है ।

  समय मिला तो 
  पापा-मम्मी ,बच्चों के संग 
  खेल रहे हैं ..
   कभी खेलें आँख -मिचौनी 
    कोई छुपे ,सब ढूँढ रहे है ।

     लूडो -कैरम सोच रहे हैं
      अपने भी दिन अच्छे आए 
      धूल जमी थी ,साफ हो गई
      कैसे चमक गए सारे ।
      घर का भोजन हो गया 'इन'
      जंक फूड को 'आउट'किया 
      कितना स्वाद 'माँ'के हाथों में
      यह हमनें पहचान लिया ।
      एक बात और सीखी है ,
      वो भी तो बतलानी है ...
        खाना उतना ही लेना है
        जितना हमको खाना है 
        एक-एक दानें की कीमत 
        जान गए हैं अब हम सब ।
         छोटी-छोटी काम की बातें 
         बच्चे भी हैं सीख रहे ।

      शुभा मेहता 
          
 काफी समय तक बचने के बाद घेर ही लिया इसने । एक बातजो इस काल में मैंने सीखी ,बताना चाहूँगी .....
   कैसा महसूस करते होगे वो लोग जिन्हें हमारा समाज अस्पृश्य मान कर कितना अभद्र व्यवहार करते हैंं , शायद ये रोग हमारे दिल ,दिमाग का कचरा साफ करने आया है । 

शुभा मेहता 
23rd May ,2021



  
 

 
  

  

30 comments:

  1. अब आप स्वस्थ हैं जानकर बहुत अच्छा लगा फिर भी अपना और परिवार का अच्छे से ख्याल रखिएगा शुभा जी!
    बहुत ही सुन्दर कविता लिखी है आपने एकदम सटीक ...सही में घर परिवार का महत्व समझा है सबने...।

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    1. धन्यवाद प्रिय सखी सुधा जी ।

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  2. अपना ख्याल रखे स्वस्थ रहे। बाकी कविता बहुत सुंदर लिखी है अपने।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद शिवम् जी ।

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  3. 🎈🎈🎈🎈🎈🎈🌷🌷🌷🌷
    प्रिय शुभा जी, ईश्वर को कोटि धन्यवाद कि सखी सपरिवार कोरोना से जंग जीतकर सकुशल ब्लॉग पर लौटी हैं! सच में यदि कोई इस दैत्य के चंगुल में जकड़ा जाता है तो भीतर ना जाने कितनी आशंकाएं व्याप्त हो जाती हैं। शुक्र है आप सभी अब स्वस्थ हैं। अपना खयाल रखें आप लोग। हमने भी यही सब फॉलो किया जो आपने लिखा। क्योंकी हम सब भी आंशिक रूप से कोरोना की गिरफ्त में आ ही गएथे, पर अब सब कुछ ठीक हो रहा है। मैं भी यही कहूंगी मनोबल ऊंचा कर इस बीमारी। को जीतना आसान है मन के हारने से इस बीमारी से पार पाना मुश्किल हो जाता है। आपको सपरिवार बधाईयां और शुभकामनाएं इस रिकवरी के लिए हार्दिक 🙏❤️💐❤️🌷🌷💐

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय सखी रेनु जी .आप भी अपना और परिवार का ध्यान रखिएगा ।

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  4. कोरोना ने हताश किया है तो पारिवारिक सुख की अनमोल घड़ियां भी लौटाई हैं। इस घरवास में साथ -साथ खाना खिलाना, हंसना गाना, खेलना- कूदना और किताबों का पढ़ना इस समय को सार्थक कर गया। बहुत प्यारी है आपकी रचना। हार्दिक शुभकामनाएं इस भावपूर्ण रचना के लिए २👌👌🙏❤️💐💐

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  5. धन्यवाद सखी । सही हे न सखी घरवास ने आपसी प्रेम को और गहरा कर दिया है ।

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  6. शुभा दी, ईश्वर का बहुत बहुत धन्यवाद की अब आप एवं आपका परिवार सकुशल है। लेकिन अभ8 भी अपना पूरा ख्याल रखिएगा। हीम्मत और सावधानी से ही इस बीमारी से निजात पा सकते है। बहुत सुंदर कविता।

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    1. धन्यवाद ज्योति ।

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  7. बहुत-बहुत धन्यवाद कुलदीप जी ,मेरी रचना को पाँच लिंकों में स्थान देने हेतु ।जी ,जरूर आऊँगी ।

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  8. सबसे पहले स्वस्थ होने के लिए बहुत बहुत बधाई हार्दिक शुभकामनाएं । बस भगवान से प्रार्थना है आप ऐसे हीर सदा ब्लॉग पर आती रहें , सुंदर रचनाएं पाठकों को देती रहें
    सपरिवार स्वस्थ प्रसन्न रहें ।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद आलोक जी ।

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  9. बहुत सुंदर

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ओंकार जी ।

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  10. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (24 -5-21) को "अब दया करो प्रभु सृष्टि पर" (चर्चा अंक 4076) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा

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    1. बहुत -बहुत धन्यवाद प्रिय कामिनी जी ।

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  11. एक-एक दानें की कीमत
    जान गए हैं अब हम सब ।

    --बहुत खूबसूरत रचना है...। सीखना अनवरत प्रक्रिया है जो ताउम्र चलती है, लेकिन कोरोना जैसा कोई समय आकर कुछ विशेष सबक दे जाता है।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद संदीप जी ।

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  12. आपका स्वस्थ हो जाना हर्ष का विषय है। आपकी यह कविता पहले भी पढ़ी थी। फिर से पढ़ी तो और भी अच्छी लगी। अभी भी अपना पूरा ख़याल रखिए। शुभकामनाएं।

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    1. धन्यवाद जितेंद्र जी ।

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  13. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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  14. सहमत हूँ, टीका लेना ही सर्वोत्तम उपाय है।

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    1. धन्यवाद प्रवीण जी ।

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  15. टीका लगवा लेना आवश्यक है,
    सावधानी हटी, दुर्घटना घटी!

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    1. धन्यवाद प्रतिभा जी ।

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  16. ईश्वर का धन्यवाद आप स्वस्थ हैं। बेहतरीन रचना सखी।

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  17. धन्यवाद सखी ।

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  18. आप स्वस्थ हो के लौटे बहुत अच्छा लग रहा है ... आपकी पोसिटिव बातें प्रेरणा दे रही हैं ... सच में वेक्सीन और बचाव में बहुत बचाव है ...
    बहुत लाजवाब भावपूर्ण रचना है ...

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  19. आपको सकुशल और स्वस्थ इस जंग को जीतकर लौटने के लिए बधाई और भगवान का लाख-लाख शुक्र। सुंदर और भाव प्रवण कविता का आभार और ईश्वर आपमें इस सकारात्मक ऊर्जा का सतत प्रवाह बनाए रखे, यही कामना है।

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