Thursday, 21 April 2022

धरती माँ

आओ ,आज सब मिलकर 
माँ ,धरती का सम्मान करें 
 आभारी हों ,दिल से ...
  भूल गए हैंं शायद .
  अपने स्वार्थ में हो गए हैं 
  इतने अंधे ...
   देखो ध्यान से इसकी सुंदरता को 
     बहते झरनों को ,नदियों को,
      फूलों को ,पेडों को 
      घास पर पडी उस एक ओस बूँद को 
       कितनी खूबसूरत है 
         मिट्टी की खुशबू 
          माँ को सजाएँ ....
         हरी -हरी चुनरी पहनाएँ
          देती आ रही सदियों से वो जो हमें
       आओ मिलकर कर्ज चुकाएँ ।

शुभा मेहता 
 21st April ,2022


15 comments:

  1. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति प्रिय शुभा जी।सच में धरती माँ का खोया वैभव लैताने का समय है,जिसके लिए सामूहिक प्रयास की जरुरत है।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय सखी रेणु जी ।

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  2. बहुत सुन्दर

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ओंकार जी ।

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  3. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(२३-०४ -२०२२ ) को
    'पृथ्वी दिवस'(चर्चा अंक-४४०९)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  4. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय अनीता

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  5. बहुत बहुत सुन्दर

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    1. धन्यवाद आलोक जी ।

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  6. बहुत सुंदर रचना

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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  7. वाह!!!
    विश्व पृथ्वी दिवस पर हुत ही लाजवाब सृजन
    आओ ,आज सब मिलकर
    माँ ,धरती का सम्मान करें ।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी ।

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  8. बहुत सुंदर भाव दी। प्यारी.कविता।
    धरती माँ का सम्मान करे तो सभी समस्याओं का वैसे ही निराकरण हो जाये।

    सादर।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद श्वेता ।

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  9. पृथ्वी दिवस पर हुत ही लाजवाब सृजन

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