Saturday, 16 June 2018

अंधकार

अँधेरा मन में है
   दिया जलाया मंदिर में
    मन का अँधेरा दूर कर
    जग प्रकाशित हो जाएगा ।
      नफरत की आग मन में लिए
      क्यों बैठा सत्संग में
        मन से तू ये आग बुझा
        ये जग सुंदर हो जाएगा ।

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