Wednesday, 25 July 2018

किस्मत

तू चलता चला चल
  तू चलता चला चल
   अपनी लगन में
    न देख इधर
  न देख उधर
   रख आँख तेरी लक्ष्य की ओर ।
    कोई कहे अच्छी है किस्मत
    कोई कहे बुरी है किस्मत
    बात-बात पर कोसें किस्मत
     पाना चाहे इसी के सहारे सब कुछ
     पर तू चलता चला चल ...
     और तू भी चला ,खूब चला ...
    पाने को मंजिल
     हौसले बुलंद ..।
    फिर इक दिन देखा
     सामने थी मंजिल
      पा ही लिया उसे
      और साथ ही
      मुस्कुराती किस्मत खडी थी ।

   शुभा मेहता
   26th July ,2018
     
     
 

29 comments:

  1. Wah bahut accha karmathta ka koi vikalp nhi acchi kavita seedhe saade shabdon mein bahut badi baat kah di toone khush rah dhero pyaar 😘😘😘😘👏👏👏👏👏💐💐💐💐💐👍👍👍👍😊😊😊😊

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  2. सही कहा शुभा दी कि यदि हम लगातार चलते रहेंगे मतलब कोशिश करते रहेंगे तो कामयाबी जरूर मिलेगी। सुंदर प्रस्तूति।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद ज्योति ।

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  3. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....

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  4. सार्थक रचना

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  5. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक ३० जुलाई २०१८ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. धन्यवाद प्रिय श्वेता ...।

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  6. सच है चलते रहने से मंजिल जरूर मिलती है ...
    नए रास्ते निकलते हैं सफ़र आसान होता है ...
    आशा वादी सुन्दर रचना ...

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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  7. “क़िस्मत “
    सही बात है क़िस्मत यूँ ही हीनहीं बदलती ,क़िस्मत सवारने के लिये कर्मठता व निरन्तर प्रयास अति आव्यशक है इसलिये अपने लक्ष्य को जब तक ना पास लो चलते चलो .......

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद रितु जी ।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय सखी ।

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  9. सुंदर सार्थक कर्म पथ पर चलने का सुंदर संदेश देती रचना शुभा बहन।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय कुसुम जी ।

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  10. और तू भी चला ,खूब चला ...
    पाने को मंजिल
    हौसले बुलंद ..।
    फिर इक दिन देखा
    ..लाज़वाब...बहुत कोमल अहसास..सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति..

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी ।

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  11. शुभा दी, कर्म करने का संदेश देती बहुत ही सुंदर रचना।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद ज्योति ।

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  12. सकारात्मकता को दर्शाती है आप की कविता सच मंज़िल तभी मिलती है जब इरादे दृढ़ हों बहुत खूब

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    1. धन्यवाद नितिन भाई ।

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  13. अच्छी कविता, सकारात्मक भावों से सजी हुई। कर्म प्रधान होता है। बाकी सब बाद में।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद ।

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    2. बहुत बहुत धन्यवाद।

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  14. सकारात्मक सन्देश देती सुंदर रचना

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद ।

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