Wednesday 19 March 2014

याददाश्त

अचानक अगर कोई हमसे हमाराफोन नम्बर पूछता है या फिर कल नाश्ते मे कया खाया था तो हम गडबडा जाते हैं । कुछ सामान लेने जाते है तो पाँच में से चार ही याद रहते हैं और अगर सामान की सूची बनाते  हैं  तो उसे ही भूल जाते है ।ऐसा अक्सर सभी के साथ होता है ।लेकिन ऐसा अगर बार बार होता है तो वाकई सचेत होने की जरूरत है ।
     जब किसी को कुछ याद नही आता तो हम लोगों को सिर खुजाते देखते है इसका अर्थ है
यादशक्ति का स्थान मस्तिष्क में है । हमारे दिमाग़ में बहुत सी बातों और यादों की मिक्सिंग होती है  । दिमाग दो एक सी बातोँ  को मिलाता है और एक साथ कही रख देता है  ,जो काम का नही है उसे बाहर फेंक देता है  । जो जानकारी दिमाग में रह जाती है वह या तो बहुत जरूरी होती है या किसी प्रकार की भावनाओं से जुड़ी होती हैं  ।
  अक्सर देखा गया है कि जिस विषय मे हमारी रुचि अधिक हो वह तुरंत याद रह जाती हैं ।
  योग के द्वारा हम अपनी यादशक्ति को बढ़ा सकते हैं । पद्मासन,वज्रासन,सुखासन में बैठने की आदत डालनी चाहिए ।ओंकार के दीर्घ उच्चारण से मस्तिष्क में विपुल मात्रा में रक्त संचालन होता है जिससें याद शक्ति बढती है ।
सर्वांगआसन ,शीर्षासन में शरीर की अवस्था विपरीत होने से मस्तिष्क तक आसानी से रक्त संचार होता है  तथा दिमाग तेज होता है ।
  

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