Saturday 15 November 2014

संस्मरण

कभी -कभी सोचती हूँ  कि वो कौन सी शक्ति है जो जगत को चलाती है ? वैसे आज विज्ञान ने इतनी उन्नति कर ली है के इंसान जो चाहे कर सकता है ,फिर भी जीवन में कुछ ऐसे क्षण आते है कि हम सोचने  पर मजबूर हो जाते है कि कोई तो शक्ति मौजूद है ।
    बात उन दिनों की है जब हम पोरबंदर में रहते थे। हमारे घर कुछ मेहमान आये हुए थे ।  उनको वहां से कुछ चीजे खरीदनी थी तो करीब शाम को चार बजे उन्हें लेकर मैं बाजार गई ।जहाँ से उन्हें खरीदारी करनी थी वो एक छोटी सी गली थी । मै उन्हें लेकर उस गली में घुसी ही थी  कि अचानक सामने से दो सांड न जाने कहाँ से दौड़ते हुए आये और दोनो तरफ से मुझे घेर लिया ।हम तीन लोग थे , पर  मैं  बुरी तरह से उनकी चपेट में आ चुकी थी  चारों तरफ भीड़ जमा ही गई । किसी में हिम्मत नहीं थी के उन सांडों को हटा सके ।दूसरी तरफ उन्होंने अपने सींगों में उठा-उठा कर मुझे फुटबॉल की तरह उछलना शुरू कर दिया लगभग छे-सात बार , और अपने नुकीले सींगों से  प्रहार शुरू कर दिए ।  मुझे तो साक्षात् मौत के दर्शन हो रहे थे । लोग अभी भी चिल्ला रहे थे । लेकिन कोई मदद नहीं ।
      अचानक कुछ देर के बाद अपने आप ही वे शांत होकर चले गए । मैं अपने आप उठी और अपनी चप्पलें  ढूँढने लगी । लोग बातें करने लगे  कि कुछ दिनों पहले भी एक भाई के साथ ऐसा ही हुआ था ,पर वो बच नहीँ पाए ।
   मुझे अभी तक कुछ समझ नही आ रहा था कि आखिर मेरे साथ हुआ कया ?
   हमारे मेहमान मुझे सीधे अस्पताल ले गए ।मेरे घर पर भी उन्होंने सूचना दे दी ।सब लोग बड़े चिंतित हो गए । जिस तरह की घटना थी सब यही कल्पना कर रहे थे की क्या हाल होगा मेरा ।
     लेकिन क्या बताऊँ मैं आपको इतना होने के बाद भी एक भी खरोंच  नहीं आई  ।
    अब इसे मै क्या कहूँ ये आप ही बताइये ।

  

Friday 14 November 2014

स्वास्थ्य और संगीत

करताल के साथ कीर्तन हो या कव्वाली की महफ़िल,शास्त्रीय संगीत हो या सुगम संगीत की मधुर सुरावली ,फ़िल्म का कोई दर्दभरा गाना हो _संगीत सभी को अच्छा लगता है ,इसका जादू है ही ऐसा ।
    बहते झरने का कलकल ,कोयल की मधुर आवाज,वर्षा ऋतु में मोर की मधुर ध्वनि ,समुद्र से उठते मौजौ की  आवाज ये सब संगीत ही तो है ।सुरीला मधुर संगीत सभी के मन को आनंदित कर देता है ,अप्रतिम शांति प्रदान करता है ।
   इसके विपरीत लय बिना की आवाज ,शोरगुल शरीर के लिए नुकसानदायक होता है । इस प्रकर का संगीत शरीर को अनेक प्रकार से नुकसान पहुंचता है । अगर हम अपने हृदय  की धड़कन की ध्यान से सुने तो क्रमशः एक -दो -तीन आवाज सुनाई देती है  इसी प्रकार लय-ताल में अगर संगीत बजता हो वो हमरे अन्तर्मन् को स्पर्श करता है और एक अदभुत आनंद की अनुभूति होती है ।

     जब कभी हमारा मूड खराब हो,मन बैचेन हो,कुछ करना अच्छा न लगता हो तब कोई भी पसंदीदा गीत सुनने से मन का ,उद्वेग शांत हो जाता है ।
   तो चलिए अपने जीवन को संगीतमय बनाये और जीवन को और मधुर बनाएं ।