Friday 16 January 2015

भोर किरन

भोर की पहली किरन ,
      दिलाती है अहसास ,
     आगे बढने का ,
    आकर जगाती है मुझे ,
    हौले से आकर कान में कह जाती है कुछ ,
    शायद कहती है -उठ जा ,उठ जा ,
     छू ले बढ कर आसमां
       मैं भी फिर उठ कर मुस्कुरा देती हूँ ,
       कोशिश करती हूँ छूने की उसे ,
      लेकिन वो मेरी पकड़ से छूट ,
       भाग जाती है दूर...,
      देकर अहसास कुछ कर गुजरने का
      किसी और को जगाने ।

Sunday 4 January 2015

लक्ष्य नववर्ष का

     सबसे पहले सभी को नववर्ष की शुभकामनायें ।
कैसा रहा  आपका बीता हुआ वर्ष  । खैर  छोड़िये हम तो आने वाले वर्ष की बात कर रहें है।
  क्या सोचा है आपने ?कोई लक्ष्य निर्धारित किया ? अक्सर नववर्ष पर सभी कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं  ,और बड़े जोर -शोर से उसपर अमल करना भी शुरू करते हैं । लेकिन कुछ समय बाद जोश धीरे धीरे ठंडा पड़ने लगता है और हम निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाते । नव वर्ष का उत्साह धीरे धीरे कम होने लगता है और ज़िन्दगी उसी रूटीन ढर्रे पर चलने लगती है ।इसी तरह साल ब साल गुजरते जाते है  ,और जो संकल्प हम साल के शुरू होने पर लेते हैं , कुछ नया करने का , आगे बढ़ने का ,कुछ दिनों बाद सब ज्यों का त्यों । और शायद हम यह देखने की कोशिश भी नहीं करते के क्यों हम निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाते ?  क्यों हम अपने काम को ईमानदारी से नहीं कर पाते ? शायद हम सभी कम मेहनत में बहुत कुछ पा लेना चाहते हैं । लेकिन किसी भी कार्य में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत के साथ दृढ़ संकल्प भी करना होगा तभी हम अपना निश्चित किया लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे ।
     तो आइये इस वर्ष को यूँ न गुजरने दें , कोशिश करें इसे अब तक का 'बेस्ट ' वर्ष बनाने की ।जो संकल्प हमने अपने आप से किये हैं उन्हें पूरा करने में जी -जान से जुट जाएँ । आगे बढ़ने से पहले सोचे कि पिछले सालों में आपसे कहाँ चूक हुई है और फिर उनसे सीख लेते हुए उन्हें दोबारा न होने दें ।
         तो चलिए आज से ही आरम्भ कर दीजिये  बढाइये पहला क़दम अपने निर्धारित  लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर ,बस जरूरत है दृढ संकल्प की । all the best .....