Wednesday 14 March 2018

हसरतें

हसरतों की दुनियाँ
   उम्मीदों का दामन पकडे़
    चली जा रही हैंं
      मंजिल की ओर
      सफलता, असफलता
     आशा ,निराशा
     सभी को साथ लिए
    हसरतों का क्या
    एक पूरी हुई तो
    तत्काल दूसरी का हुआ जन्म
     सिलसिला जारी
ता उम्र ...।
     

11 comments:

  1. Wowwwwww choti par sundar cute si pyari kavita ekdam bilkul teti tarah aur bahut sateek sahi baat kahi h aaj kya baat hai bambaa foot gya kvita kaa bas yun hi chalta rahe tera caravan taa umra deerghayu aur khushiyan dono milein dher saara pyaar 💐💐💐💐💐💐💐 😘😘😘😘😘😘

    ReplyDelete
  2. सच कहा शुभा की हसरते कभी पूरी नहीं होते। सुंदर प्रस्तुति।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद ज्योति।

      Delete
  3. निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' १९ मार्च २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीया 'पुष्पा' मेहरा और आदरणीया 'विभारानी' श्रीवास्तव जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।

    अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

    ReplyDelete
  4. बहुत बहुत धन्यवाद श्वेता ।

    ReplyDelete
  5. बहुत सुंदर....
    वाह!!!

    ReplyDelete
  6. माँ में नित नयी हसरत ही तो जीवन की प्रेरणा है ...
    ये हैं तो जीवन है ...
    सुंदर रचना .।.

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद दिगंबर जी ।

      Delete
  7. बहुत ख़ूब... उत्तम रचना आदरणीया👌👌👌👏👏👏

    ReplyDelete