( 1)
पागल प्रेम
याद का मोती बनाए
आँख के तले ।
(2)
. झूठा कागा
पिया नहीं आए
बरसी अँखियाँ ।
( 3)
धूप ,छाँव
कोयल का राग
मेघा आए ।
(4)
चाँदनी बैठी
वृक्ष के नीचे
मुख देखे चंदा का ।
(5)
टप-टप ,टिप -टिप
बूँदों का राग
मन को भाए ।
शुभा मेहता .
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।बहुत अच्छी क्षणिकाएं।बस ऐसे ही हिंदी की सेवा करते रहें हम।सदा खुश रहे और खूब लिखती रहे।
ReplyDelete😊😊😊😊😊
Deleteवाह बहुत सुंदर दी भावपूर्ण सृजन।
ReplyDeleteधन्यवाद श्वेता ।
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