Sunday 25 July 2021

दोस्त

दोस्त शब्द सुनते ही सबसे पहले हमारे मन में जो भाव पैदा होते है ,बहुत ही मधुर होते हैंं ।दोस्त यानि एक ऐसा व्यक्ति जो हमेशा हमारा साथ दे ,दुख में सुख में ,हानि में लाभ में । एक बहुत ही प्यारा सा रिश्ता होता है दोस्ती का ।
  पर क्या सही में ऐसा दोस्त हमें मिल पाता है ,या फिर हम स्वयं ऐसे दोस्त बन पाते हैं । मेरी समझ से तो कुछ ही भाग्यशाली लोग होते होगे जिन्हें सच्चा दोस्त मिला होता है । 
 एक बच्चा ढाई-तीन साल की उम्र से ही खेलने के लिए कोई साथी चाहने लगता है ..हम उम्र साथियों के साथ उसे अच्छा लगता है और यहीं से शुरुआत होती है दोस्ती की । इस उम्र में वे एक दूसरे के खिलौनों से खेलते है ,खिलौने छीनते  भी हैं ,रोते हैं ,फिर थोडी देर में चुप होकर फिर से खेलने लगते हैं । न कोई ईर्ष्या न कोई द्वेष बस अपनी मस्ती में रहते हैँ ।
  उसके बाद जब बच्चे स्कूल जाने लगते हैं ,उन्हें नए दोस्त मिलते है ।वहाँ वो साथ मिलकर खेलना सीखते हैं ,मिल बाँटकर खाना सीखते हैं । जैसे -जैसे बडे होते हैं देखा देखी शुरु हो जाती है ।
 इसका अच्छा उसका खराब ,मेराभी वैसा होना चाहिए ..बस ज्यों ज्यों उम्र बढती है आपस में स्पर्धा-प्रतिस्पर्धा शुरु हो जाती है ।इसमें माँ -पिताजी का भी सहयोग रहता है क्यों कि बच्चों के सामने वो लोग ही कहते है ,बेटा हम तुम्हें उससे भी अच्छा लाकर देगें । 
पर कुछ दोस्त जीवन में ऐसे भी मिलते है जो ता-उम्र सच्चे मन से दोस्ती निभाते है  ,दोस्त के दुख में दुखी और सुख में सुखी होते हैं । 
  आजकल तो सोशल मीडिया की दोस्ती भी खूब चल रही है । इसके द्वारा भी हमें बहुत अच्छे दोस्त मिल जाते हैं कभी-कभी । सही है न जिनसे हम कभी मिले भी ना हो वो कितने प्यारे और सच्चे दोस्त बन जाते हैं । 
अंत में यही कहूँगी दोस्ती का रिश्ता बडा प्यारा -सा रिश्ता होता है अगर कोई सच्चा दोस्त मिले तो उसकी कद्र जरूर करो । 
 
 

   दोस्तों की दोस्ती से 
है रोशन जहाँ मेरा 
साथ हँसना ..
साथ रोना ...
 हर कदम पर ,
 साथ देना ,
 चाहे दुख हो 
 या हो सुख 
  साथ मिलकर 
  है बिताना 
  सबसे प्यारा 
  रिश्ता है ये 
  दोस्त ,दोस्ती 
  याराना .....।
   शुभा मेहता 
   26th July ,2021
  
 

 

35 comments:

  1. बहुत सही। तभी तो तुलसी ने कहा :
    जे न मित्र दुख होई दुखारी
    तिनहि बिलोकत पातक भारी।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद विश्वमोहन जी ।

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  2. बहुत-बहुत धन्यवाद यशोदा जी । जी ,जरूर आऊँगी ।

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  3. सच लिखा आपने शुभा जी। जीवन का सबसे मजबूत स्तंभ होते हैं दोस्त। आभासी संसार में भी दोस्ती के रूप में अनमोल रतन मिलें हैं। बहुत बढ़िया प्रस्तुति है आपकी,। गद्य में भी और पद्य में। भी। आपकी ही तरह सरल सहज रचना हार्दिक शुभकामनाएं आपको 🙏🌷💐💐🌷

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय सखी रेणु । सच ही तो है न ,आप जैसे कितने प्यारे दोस्त मिले हैं मुझे ।

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  4. मित्रता का कितना सुंदर वर्णन, सुंदर और आत्मीय अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

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    1. धन्यवाद जिज्ञासा

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  5. शुभा दी, ब्लॉगिंग ने मुझे आप जैसी प्यारी दोस्त दी है। बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

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    1. हाँ ,ज्योति ,मुझे भी आप जैसी प्यारी दोस्त मिली है ।

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  6. बहुत बहुत सुन्दर

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद आलोक जी ।

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  7. दोस्त और दोस्ती की आवश्यकता और महत्व का बहुत सुंदर वर्णन आपने किया है। आपकी सलाह बहुत अच्छी है। सच्चा दोस्त मिल जाये तो उसे भगवान का आशीर्वाद मानें। सादर।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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  8. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार(२८-०७-२०२१) को
    'उद्विग्नता'(चर्चा अंक- ४१३९)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  9. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय अनीता । जरूर आऊँगी ।

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  10. अति सुन्दर कथ्य एवं प्रस्तुतिकरण के लिए हार्दिक बधाई ।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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  11. बहुत ही बेहतरीन लेख
    आपने बिल्कुल सही कहा दोस्ती बहुत ही खूबसूरत रिश्ता है !सच में जिसके पास एक सच्चा दोस्त होता है वो बहुत ही खुशनसीब इंसान होता है!

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद मनीषा जी ।

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  12. बहुत सुंदर, सच्चे दोस्त ढाल और तलवार दोनों
    तरह का वजूद रखते हैं

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  13. जी ,एकदम सही कहा आपने । बहुत -बहुत धन्यवाद ।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद शांतनु जी ।

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    1. धन्यवाद अनुपमा जी ।

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  16. कई बार परिवार से ज्यादा दोस्त संभाल लेते हैं, कठिनाई में ! वैसे वे भी परिवार का अंग ही होते हैं

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  17. आज के समय परिवार से ज्यादा दोस्त अपने लगते हैं ।
    अपने जज़्बात खूबसूरती से लिखे ।

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    1. धन्यवाद संगीता जी ।

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  18. बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति शुभा जी !

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    1. धन्यवाद मीना जी ।

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  19. दोस्ती के बारे में बहुत अच्छे ख़यालात शुभा जी !
    हमको अच्छे दोस्त तभी मिलेंगे जब हम ख़ुद किसी का अच्छा दोस्त बन कर दिखाएंगे.

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    1. धन्यवाद आदरणीय गोपेश जी ।

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  20. बहुत सही लिखा है शुभा जी आपने !!!
    जिंदगी में दोस्त बहुत मायने रखते हैं और यह निश्चित बात है कि सोशल मीडिया ने भी दोस्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है। भले ही हम एक दूसरे से नहीं मिल पाते हैं लेकिन इस आभासी दुनिया में दोस्तों का होना एक अपनत्व का एहसास दिलाता है।

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  21. धन्यवाद शरद जी ।

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