अक्सर भूल जाया करते है
कभी कुछ ,कभी कुछ
अब मुझको ही ले लो
बासठ पार हो गए
त्रेसठवां सरक रहा है
या यूँ कह लो कि चल रहा है
नहीं जी ,दौड़ ही रहा है
कब सुबह होती है ,कब शाम
पता ही नहीं चलता
व्यस्त रखती हूँ
अपने आप को
अपनी पसंद का काम करके
खाना बनाने से लेकर
संगीत के रियाज तक
फिर भी ...........
अक्सर कुछ न कुछ
भूल ही जाती हूँ
कभी किसी चीज को रखकर
कभी किसी का नाम ही .....
चाहती यही हूँ कि
भूलूं तो जीवन के संघर्ष को ..
दिल दुखनें की बातें...
कुछ कडवी यादें ...
बस याद रहे ,
जीवन की मिठास
जी लेना है
उम्र के इन बोनस वर्षों को
बिन्दास........।
शुभा मेहता
12th March,2023
जीवन की मिठास तो हर घड़ी में छिपी है, बस हमें बेवजह अफ़सोस करने की आदत बुरी है
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद अनीता जी ।
ReplyDeleteभूलूं तो जीवन के संघर्ष को ..
ReplyDeleteदिल दुखनें की बातें...
कुछ कडवी यादें ...
बस याद रहे ,
जीवन की मिठास
काश ऐसा हो....
चिंतनपूर्ण लाजवाब सृजन ।
जीवन की मिठास
ReplyDeleteजी लेना है
उम्र के इन बोनस वर्षों को
बिन्दास........।
बहुत खूब!
जिंदादिली का ये सकारात्मक भाव जिंदा रहे। बहुत शुभकामनाएँ
बहुत-बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी ।
Deleteसुंदर सृजन
ReplyDeleteवाह! बहुत सुंदर शुभा जी आपने तो अंत तक आते आते सब सार कह दिया।
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
नव वर्ष एंव नवरात्रि पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं 🌷
वाह ! बहुत खूब !
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