Thursday 14 January 2016

आओ त्यौहार मनाएं

    आओ आज सभी मिलकर
     संक्रांति पर्व मनाये
       चढ़ जाये सब
      छत पर भैया
       खूब पतंग उड़ाए
       हो जाये पेच पर पेच
     ढील पर ढील दे भाई
     सब मिलकर फिर
     बोले भैय्या - वो काटा ......।
    तिल के लड्डू , चिक्की , गजक
      बोर , गन्ने और जामफल
    खूब मजे से खाएं ।
   लेकिन देखो , सम्हल के भैया
   कोई पक्षी डोर में फँसकर
    कहीं उलझ न जाए
    जीवन किसी निरीह प्राणी का
     खतरे में न पड़ जाये  ।
    
    
     

    

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