इस दीवाली
अपने मन का
दीप जलाएं
भेदभाव छोडकर सारे
दीप से दीप जलाएं
कर दें उजियारा चहुँ ओर
दीपमाल से गुँथ जाएंं
जैसे इक माला के फूल
तोड़ न पाए इस माला को
कोई दुश्मन .............,
करले चाहे कोशिश कितनी
चाहे जितना जोर लगाए
आओ हम सब .. .
शुभा मेहता
19th Oct ,2019
Wah chapne ke sath satb 5links me chli gyi teri kavita diwali miljul kar khushiyan baant te huye manane ka tyohaar hai bagut acchi kavita bhed bhav chhorkar saare apne man ka deep jalayen wah kitni sundar panktiyan hain adbhut hai tu aur teri lekhni dher saara pyaar aur khoob likh 💐💐💐👍👍👍😊😊😊
ReplyDelete*bahut
ReplyDelete😊😊
Deleteआपका हृदयतल से आभार कुलदीप जी ।
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ReplyDeleteजी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२१ अक्टूबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।,
बहुत-बहुत धन्यवाद श्वेता ।
Deleteअपने मन का
ReplyDeleteदीप जलाएं
भेदभाव छोडकर सारे
दीप से दीप जलाएं
बहुत सुन्दर....
वाह!!!
बहुत-बहुत आभार सुधा जी ।
Deleteवाह बेहतरीन रचना।भेद-भाव को दूर करती सुंदर प्रस्तुति।दिवाली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत आभार सखी ।आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ।
Deleteशुभकामनाएं दीपपर्व की। सुन्दर भाव।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteसुंदर शुभा जी, दीप से दीप जलाने की शुभ्र भाव दिवाली मनाएं , बहुत सुंदर सृजन।
ReplyDeleteदीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।
धन्यवाद सखी ।
Deleteबहुत अच्छे भाव
ReplyDeleteदीवाली की हार्दिक शुभकामनायें
दुआ पधारें
बहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteबहुत-बहुत आभार ।
Deleteसुन्दर विचार।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteप्रिय शुभा बहन , आपके ही जैसी सरल सी शुभता भरे भावों वाली रचना जिसमें कल्याणकारी सोच को पिरोया गया है | आपको दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें | दीपावली आपके जीवन में ढेरों खुशियाँ लेकर आये |
ReplyDeleteधन्यवाद प्रिय सखी ।
Deleteवाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कल्याणकारी भावों से भरी लाजवाब कृति....।
बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी ।
Deleteयथा नाम, तथा काम। सत्यम, शिवम, सुंदरम की शुभता से शोभित शब्दावली! बधाई!!!
ReplyDeleteबहुत आभार ।
Deleteदीपपर्व पर एकता और शांति का संदेश देती सुंदर रचना। बधाई शुभा जी।
ReplyDeleteधन्यवाद मीना जी ।
Deleteमन से सारी कौम एक हो जाये तो बात ही निराली है शुभा जी।
ReplyDeleteबहुत प्यारी रचना, संदेशप्रद भी।
आपका नई रचना पर स्वागत है 👉👉 कविता
बेहतरीन रचना सखी
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