Tuesday 26 November 2019

शहर

आज बीमार सा लगता है 
मेरा ये शहर 
  कभी गुलजा़र हुआ करता था 
  हर तरफ हुआ करती थी 
   ताजा हवा ...
    जिसके झोंके से 
     मिलता था सुकून .
      पेडों की शाखों पर 
      गाते थे पक्षी ..
       आज देखो तो 
       बस धुआँ ही धुआँ 
        खाँसते लोग ...
       प्रदूषण के मारे 
        बेहाल .......।
      

  शुभा मेहता 
26th Nov , 2019
          
           
             

23 comments:

  1. Bahut sahi hai jab shaher bimar pradushan se toh shahervasi kaise bache rah skte hain rajnitigya apni apni rotiyan sekhne mein vyast aur janata hai toh rahe jab chunav aayenge thoda sa paisa thodi si sharab aur chand rurupa bas phir wapis denge inko ( janata) pradushan bahut sarthak kavita thode se shabd bhedi baan aur ban gyi kavita excellent likh khoob likh 💐💐💐😊😊😊

    ReplyDelete
  2. नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरूवार 28 नवंबर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद रविन्द्र जी ।

      Delete
  3. सही कहा आपने। अभी स्थिति वाकई बहुत बुरी है।
    अब सोचने समझने का समय जा चुका है....अब सिर्फ सुधार के लिए अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करना होगा।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद प्रकाश जी ।

      Delete
  4. इस स्थिति के लिए शायद हम भी जिम्मेवार हैं ... पर ये एक ऐसा कडुवा सच है जिससे निजात पानी होगी ... नहीं तो ये शहर छोड़ना होगा ... गहरे शब्द ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद दिगंबर जी ।

      Delete
  5. बहुत सुन्दर शुभा जी !
    अब तो हिमालय की चोटियों तक प्रदूषण का प्रकोप है. लेकिन सबसे भयावह है - मानसिक प्रदूषण ! एक बार यदि हम उस से मुक्ति पालें तो सब कुछ निर्मल हो सकता है.

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद आदरणीय गोपेश जी ।

      Delete
  6. वाह !बेहतरीन सृजन सखी
    सादर

    ReplyDelete
  7. सार्थक रचना प्रिय शुभा बहन | ये स्वच्छता से भरे शहरों को किसने प्रदुषण और कालिमा से भर दिया ? ये प्रश्न अनुत्तरित है | हार्दिक शुभकामनायें आपके लिए |

    ReplyDelete
  8. Replies
    1. धन्यवाद नीलांश जी ।

      Delete
  9. लाजवाब अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  10. धन्यवाद लोकेश जी ।

    ReplyDelete
  11. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २९ नवंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    ReplyDelete
  12. बहुत सुंदर और सार्थक सृजन सखी

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।

      Delete
  13. सही कहा शुभा जी ,स्थिति बहुत भयावह होगई हैं ,सार्थक रचना ,सादर नमन

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।

      Delete