Friday 28 February 2020

मेरे अनुभव (२)

समझ नहीं आता , ये धैर्य नामक फल आजकल कहाँँ गायब हो गया । हर एक इंसान को जल्दी है ,हर काम में हडबडी ..।
अब सड़क पर ही देख लीजिए ,कारों का काफिला ,सभी को जल्दी गंतव्य पर पहुँचने की और ये दुपहिए वाहन तो थोड़ी सी जगह से ऐसे कट मार कर निकलने की कोशिश करते है कि बस ,परिणामत:अनेंक दुर्घटनाएँ घटती है ।
  वैसे आज में बात करनें जा रही हूँ लिफ्ट के उपयोग की ..,जैसा मैंने कुछ वर्षों में अनुभव किया ,वो आपको बताना चाहूँगी ।
आज सुबह की बात ही लीजिए ,मैंने लिफ्ट में प्रवेश किया उसके बाद लिफ्ट सातवीं मंजिल पर रुकी और तीन बच्चे और साथ ही तीनों की मम्मियाँँ ..सभी नें बारी -बारी से लिफ्ट बंद करने का बटन प्रेस किया ,जबकि लिफ्ट दस सेकेंड में स्वतः ही बंद हो जाती है ।परिणाम क्या हुआ ,दरवाजा व
 छह बार बंद हुआ और खुला ।उस पर भी दोष बेचारी लिफ्ट का माना गया और एक बच्ची की तो स्कूल बस ही छूट गई ।
अब मेरे दिमाग में प्रश्न यही आता है कि सभी लोग जानते है इस बात को कि लिफ्ट को जितना समय लगना है आने में वो तो लगेगा ,बार -बार बटन दबाने से तो जल्दी आने की जगह और देर लगेगी । 
कुछ सेकेंड का भी धैर्य नहीं और बच्चे भी वो ही करते हैं जो बडो को करते देखते है । आपको बात शायद छोटी लगे पर है समझने लायक है ना ।
पुनश्च ...अभी फिर से  लिफ्ट में जाना था मेरे साथ ही दो सफाई कर्मचारी ,तीन घरेलू कार्य करनें वाले आए , मैने नीचे जाने के लिए बटन दबाया और वो लोग भी मेरे सामने देखकर मुस्कुरा भर दिए । 
शुभा मेहता 
28th Feb.2020

4 comments:

  1. Dhairya kis chidiya ka naam hai vo toh kbhi ki apne ghosnle me jaa baithi hai agar nhi gyi hoti toh aaj jra jra si baat par ...car parking raasta cross krne ki hod n lgi hoti kai baar toh parking ke karan khoin kharaba ho jata hai har jagah khud ko sarvottam aur sbse avval dikhne ki daud me hum insaniyat me pichadte jaa rhe hain ......vishay adbhut hai naye tarah ka prayas hai aur anavarat nit nye prayaas krte rhna chahiye dher dher pyaar 👏👏👍👌👌😊😊💐💐😘😘😘

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  2. धैर्य की कमी के कारण जो काम जल्द हो सकता हैं उसे और देर लगती हैं। सुंदर अभिव्यक्ति शुभा दी।

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  3. आज समाज में। आस इसी की कमी है ... रुकना कोई नहीं चाहता फ़ोर भले लम्बा ही क्यों ना रुकना पड़ जाए ...

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