सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ...
नहीं है तू अबला
दिखा दे जमाने को
थाम हाथ इक दूजे का
चल साथ -साथ
बना ले मुट्ठी
पथ मेंं हों चाहे
लाखों कंटक
न रुक, चल बढ़
लाँघ ले हर बाधा
न होने दे अब
कोई अग्नि परीक्षा
न बने कोई अब, उपेक्षित उर्मिला
चल निकल पड़
पाने को मंजिल
छू ले आसमाँ ....।
शुभा मेहता ..
8 th March ,2018
Wah nahi hai tu abla tere andar shakti h apaar jab thhan le toh ban jaati h durga savitri ahilya manikarnika meera ka garal paan tu hai sarva shaktimaan wah bahut anuprerit krti kvita hai one of your best shows the confidence and what a love ode on the Women's Day wish you a very very happy day it belongs to not only to you but to us also love you my sweet sister bahena ki jalam ka jaadu chal gya 😘😘😘😘😘😘👏👏👏👏👏💐💐💐💐💐💐
ReplyDeleteसमय समय पर प्रेरणा देने के लिए धन्यवाद शब्द काफी छोटा है भाई ..।
Deleteबेहद खूबसूरत रचना शुभा जी. बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सुधा जी ...आपको भी महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
Deleteवाह्ह्ह...बहुत सुंदर रचना शुभा दी।
ReplyDeleteनारी दिवस पर सबल नारी शक्ति आप मेरी शुभकामनाएँ स्वीकार करें।
बहुत -बहुत धन्यवाद श्वेता .....आपको भी महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ...
Deleteनारी दिवस पर खूबसूरत रचना शुभा जी !!
ReplyDeleteधन्यवाद संजय जी .
Deleteबहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteधन्यवाद नीतू जी ।
Deleteचल निकल पड़ पाने को मंज़िल छू ले आसमान
ReplyDeleteअब ना होने दे कोई अग्नि परीक्षा
नारी शक्ती को नमन ख़ूबसूरत रचना
बहुत बहुत धन्यवाद रितु जी ।
Deleteछु ले आसमान ...
ReplyDeleteयही मंजिल होनी चाहिए और आत्मशक्ति वहाँ ले जाती है ... जो नारी में भरपूर है .... सुन्दर रचना ...
बहुत बहुत. धन्यवाद दिगंबर जी ।
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