Friday 3 January 2020

दुआ

कितनी दुआएँ माँगी थी 
कहाँ -कहाँ ना माथा टेका 
 मंदिर ,मस्जिद ,गुरुद्वारों में
 भटके थे .......
 बस ,एक पुत्र की आस में 
  जो तारेगा वंश 
  सोच तो यही थी ।
   कौनसी दुआ फली 
      नहीं मालूम ..?
       पुत्र जन्मा ..
       बधाईयाँ ,मंगलगान ..
        क्या ,माहौल था ,
        चारों ओर बस 
       खुशी ही खुशी थी 
        वृद्धाश्रम में बेठी माँ ...
        सोच रही थी ..काश 
          ना होती कबूल
            मेरी दुआ ...।
    

शुभा मेहता 
3rd Jan .2020
        
  

25 comments:

  1. Wah adbhut kya abhivyakti hai kitna sahi hai kaash na hite vriddhashram aur na hi hote anathalay sundar baageeche ke phool aur maali - maakin sath sath nibhate jeewan sadhuwad inti sundar panktiyon ke liye 👏👏👏👏💐💐💐💐😊😊😊😊

    ReplyDelete
  2. सच नालायक पूत से तो बिन औलाद रहना ही भला!
    लेकिन क्या करें जब बच्चे न हों तो तब भी जाने कितना सुनना पड़ता है दुनियाभर की दुनियावालों से।
    मर्मस्पर्शी

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत आभार कविता जी ।

      Delete
  3. सटीक प्रस्तुति

    ReplyDelete
  4. धन्यवाद ओंकार जी ।

    ReplyDelete
  5. वाह यथार्थ से परिपूर्ण रचना।

    ReplyDelete
  6. आज का कडुवा सच ...
    पुत्र मोह देश समाज में कितना गहरा है .... काश ये समझ पाते सब ...
    विचारणीय रचना है ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद दिगंबर जी ।

      Delete
  7. बहुत ही भावुक एवं कटु सत्य।
    बेहतरीन लेखनी।
    आपकी लेखनी वाकई बिल्कुल भिन्न है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रकाश जी ।

      Delete
  8. धन्यवाद श्वेता।

    ReplyDelete
  9. यही जीवन हैं शुभा दी।बच्चे न हुए तो बाँझ होने का दंश झेलो और बच्चे नालायक निकले तो उम्र भर दुख झेलो। बहुत उम्दा रचना।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद ज्योति ।

      Delete
  10. आज का सच
    प्रभावी रचना

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद ज्योति जी ।

      Delete
  11. हृदय स्पर्शी रचना शुभा जी यथार्थ दर्शन करवाती।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद कुसुम जी ।

      Delete
  12. सुंदर रचना.यथार्थ से परिपूर्ण।

    ReplyDelete
  13. सुंदर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  14. बहुत सुन्दर सटीक सृजन
    वाह!!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद सुधा जी ।

      Delete
  15. सशक्त एवं सटीक । बहुत सुन्दर सृजन शुभा जी !

    ReplyDelete