Friday, 10 January 2020

चोट

लगी ज़रा सी चोट 
तो ,मम्मा दौडी़-दौडी़ आती है 
उठाती झट से गोदी में
  और प्यार से वो सहलाती है ।
  कहाँ लगी है जरा बताओ
   पूछ-पूछ घबराती है
    देख निकलता खून ज़रा -सा 
     रोनी-सी हो जाती है ।
      अभी ठीक हो जाएगा 
     यह कह ढाँढस बंधाती है 
       लेकर अपने पल्लू को 
       वो मेरी चोट सहलाती है 
        मैं भी चुप हो गोद में उसकी 
        सुख स्वर्ग सा पाती हूँ 
         इतना प्यार भला ये मम्मा 
        ले कहाँ से आती है । 


     
   शुभा मेहता 
  11th ,January ,2020
          
        

24 comments:

  1. Wah bahut badhiya maa ka pyaar aur sneh dno ko bhala tujhse behtar aur kaun bta skta hai maa aur dadi dono rishton ka bahut accg nirvahan jo kr rhi hai seedhi saral bhasha ka bahut accha upyog likhtibrahe hamesha khoob jiye 👏👏👏💐💐💐👍👍👍😊😊😊

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  2. ममत्व के भाव लिए अत्यंत सुन्दर सृजन शुभा जी ।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सखी मीना जी ।

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  3. ममता से ओत-प्रोत कविता शुभाजी।बहुत सुंदर।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।

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  4. सुंदर और सरल शब्दों से सजी ममतामयी प्यारी रचना ,सादर नमस्कार शुभा जी

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद कामिनी जी ।

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  5. सुन्दर प्रस्तुति

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ओंकार जी ।

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  6. नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में रविवार 12 जनवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आपका हृदयतल से आभार रविन्द्र जी ।

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  7. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    १३ जनवरी २०२० के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद श्वेता ।

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  8. शुभप्रभात, चोट जैसी नकारात्मक विषय पर भी आपने विस्मयकारी रचना लिख डाली हैं । मेरी कामना है कि यह प्रस्फुटन बनी रहे और हमारी हिन्दी दिनानुदिन समृद्ध होती रहे। हलचल के मंच को नमन करते हुए आपका भी अभिनंदन करता हूँ ।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद पुरुषोत्तम जी ।

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  9. बहुत ही सुन्दर अंतरमन में मर्म टटोलता सृजन आदरणीया दीदी जी
    सादर

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    1. धन्यवाद प्रिय सखी ।

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  10. मैं भी चुप हो गोद में उसकी
    सुख स्वर्ग सा पाती हूँ
    इतना प्यार भला ये मम्मा
    ले कहाँ से आती है ।
    बहुत ही सुन्दर खूबसूरत सृजन
    वाह!!!

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी ।

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  11. बेहद खूबसूरत रचना

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  12. बहुत सुन्‍दर भावों को शब्‍दों में समेट कर रोचक शैली में प्रस्‍तुत करने का आपका ये अंदाज बहुत अच्‍छा लगा,

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