सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं .......
सभी मित्रों को इस उपलक्ष में चंद पंंक्तियाँ सर्मपित...
सभी को मिले ,
इच्छित आकाश
छू ले ,छू ले
गगन विशाल
भर ले रंग
जीवन में इतने
जितनी पतंग
उडे आकाश
नीली ,पीली
लाल ,गुलाबी
हरी और आसमानी....
रखना माँजा तेज
कोशिश का ...
दूर गगन तक
जाना है
देखो-देखो
कट ना जाए
हर मुश्किल से
बच जाना है
पतंग अपने
लक्ष्य की
सबसे ऊँची
ले जाना है ।
शुभा मेहता
12th 2018
Excellently penned lines very affirmative very positive nayi urjaa pradaan krti hai bahut sundar hamesha ki tarah aaj bhi tera pratham pathak aur pratham shrota rha hoon makar sankranti ki hardik shubbhechayein aur khoob saara pyaar apni gudia sarikhi bahen ko khoob tul ke laddu aur gur khana aur ho sake toh ek aadh patang udana love you my sweetest sister 😘😘😘😘😘😘👏👏👏👏👏👏💐💐💐💐💐💐
ReplyDeleteवाह्ह्ह....क्या बात है प्रेरक सुंदर संदेश देती प्यारी कविता शुभा दी।
ReplyDeleteमकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ मेरी स्वीकार करें।
बहुत बहुत धन्यवाद श्वेता ....
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद श्वेता ....
Deleteआशीर्वाद बनाए रखिये ।
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद ।
Deleteवाह शुभा जी बड़ी ख़ूबसूरत है आपकी रचना जोकि उतना ही बड़ा संदेश समेटे है। जीवन में उल्लास भरती रचना। बधाई।
ReplyDeleteलोहड़ी और मकर संक्रांति की शुभकामनाऐं।
बहुत बहुत धन्यवाद रविन्द्र जी।
Deleteआपको भी मकर संक्रांति की शुभकामनाएं शुभा जी ।।🙏🙏🙏🙏 बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति है । अत्यंत आनंदमयी ।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद राजेश जी ।
Deleteउत्साह वर्धक और सकारात्मक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुंदर
सादर
बहुत बहुत धन्यवाद ज्योति जी।
Deleteनिमंत्रण पत्र :
ReplyDeleteमंज़िलें और भी हैं ,
आवश्यकता है केवल कारवां बनाने की। मेरा मक़सद है आपको हिंदी ब्लॉग जगत के उन रचनाकारों से परिचित करवाना जिनसे आप सभी अपरिचित अथवा उनकी रचनाओं तक आप सभी की पहुँच नहीं।
ये मेरा प्रयास निरंतर ज़ारी रहेगा ! इसी पावन उद्देश्य के साथ लोकतंत्र संवाद मंच आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों का हृदय से स्वागत करता है नये -पुराने रचनाकारों का संगम 'विशेषांक' में सोमवार १५ जनवरी २०१८ को आप सभी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद !"एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जी जरूर ध्रुव जी ।
Deleteबहुत सुंदर, उत्साह भरती हुई कविता
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग पर ।
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद ।
Deleteबहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति शुभा जी .
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद मीना जी ।
Deleteसुन्दर कविता |आभार आपका ब्लॉग पर पधारने हेतु |
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteआशावाद से परिपूर्ण रचना... बहुत सुंदर...
ReplyDeleteधन्यवाद।
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