Saturday, 27 February 2021

दिल वाला साबुन ..

देखो ,दिल वाला साबुन 
महकता -सा ......
जैसे ही चेहरे पर लगाया 
एक बडा़ -सा बुलबुला बना 
उसमें तेरा अक्स दिखा 
प्यारा -सा ....
फिर खेलने लगी मैं 
उस बुलबुले से .
फूटा ....और कितने सारे 
छोटे-छोटे बुलबुले 
सभी में तू दिखाई दी 
कित्ती सारी 
छोटी -सी ,प्यारी सी 
मुस्कुरा रही थी 
मुझे देखकर 
मैं भी टकटकी लगाए 
देखे जा रही थी 
फिर धीरे -धीरे 
फूट गए सब बुलबुले ,
और तू फिर समा गई 
मेरे दिल में ...

शुभा मेहता 
28 th feb .2021