कब आओगे श्याम तुम ,कब आओगे
बाट निहारें सभी गोपिया
कब आओगे श्याम ....
कितने दिन यूँ बीत गए हैं
छोड हमें क्यों चले गए तुम
खोज खबर भी ना ली ।
दूध -दही से भरी मटुकियाँ
कब फोड़ोगे आकर ?
छीके माखन भी रखा है
भोग लगाओ आकर ।
कब कदंब की डाल बैठकर
मुरली मधुर सुनाओगे
विरह की मारी सभी गोपियाँ
सुध-बुध भूल गई हैं
अब तो होली भी आ गई कान्हा....
आकर रास रचा जाओ
कब आओगे ......।
शुभा मेहता
13th March ,2019