खूबसूरत रंगों से भरा है
इस दुनियाँ को
नीला आकाश ,नीला सागर
हरी-हरी घास
रंग-बिरंगी सब्जियाँ
फूल और फल
खूबसूरत वृक्ष
तरह-तरह की वनस्पतियाँ
क्या नहीं दिया उसने
ये नदियाँ ,ये पहाड़
और बदले में हमनें क्या किया
सभी का रंग बिगाड़ कर रख दिया
आकाश प्रदूषित, नदियाँ ,सागर प्रदूषित
और तो और फल ,सब्जियों को भी
रासायनिक बना कर छोड़ दिया
इतना स्वार्थी कैसे हो गया
रे मानव तू .....।