मैं बोली दीदी ये रेवडी अंधा कैसे बाँटता होगा ,उसे कैसे पता चले कि बँटवारा बराबर हुआ है या नहीं ..दीदी मुझे देखकर मुस्कुरा दी ..बोली अभी तुम छोटी हो ,बडी होगी तब सब समझ जाओगी ।
चलो अब सो जाओ थोडी देर । मैं भी थकी हुई थी जल्दी ही आँख लग गई । तभी सपने में क्या देखती हूँ एक अंधा बडे से झोले में रेवडिय़ां लेकर आ रहा है ,दूसरे हाथ में डंडा है । जब भी मैं रेवडी लेने आगे बढती वो जोर से डंडा पछाडता ..सपने में भी रेवडी न मिली ।
बडी़ हुई ,अच्छी शिक्षा प्राप्त करली , खूब अच्छा रिजल्ट ढेरों सार्टिफिकेट सब कुछ है मेरे पास ,बस सिफारिश नहीं । कल एक कंपनी में इन्टरव्यू है । थोडी चिंता में हूँ ।
सुबह माँ नें दही-चीनी खिलाकर आशीर्वाद दिया सब अच्छा होगा कह कर विदा किया । इन्टरव्यू बहुत अच्छा हुआ ,पता लगा कि नौकरी तो सभी उच्चधिकारियों के रिश्तेदारो़ को दी जा चुकी है । अब समझ आया .......।स्कूल हो दफ्तर हो गांव हो ,शहर हो या देश ,अंधा भी शायद गंध पहचान कर रेवडी बाँटता है ।
शुभा मेहता
17thJan 2020
Aaj bhi badastur hai yahi ki bina sifarish kuch bhi nhi milta aur agar aap kisi naam cheen ke sage sambandhi hain toh vo andha bina laathi patke aapke paas dauda chala aayega jiwan ki sacchai hai aur hame is se ubarna hoga katu satya hai yah aacha lekh hai thoda aur badh skta thha yadi aalsya ne na aa dabocha hota tujhe mujhe toh bahut accha lga 👌👌👌👌💐💐💐💐😘😘😘😘
ReplyDelete😊😊😊😊
Deleteकटु यथार्थ पर लाजवाब सृजन👌👌 बहुत सुन्दर शुभा जी ।
ReplyDeleteधन्यवाद सखी ।
Delete"अंधा भी शायद गंध पहचान कर रेवडी बाँटता है "
ReplyDeleteबहुत खूब....सखी
बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२० जनवरी २०२० के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत-बहुत धन्यवाद श्वेता।
Deleteकटु सत्य बयां करती लाजवाब व्यंग्यात्मक कहानी...
ReplyDeleteअंधा बांटे रेवड़ी के मुहावरे पर एक दम फिट बैठती.....
बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी ।
Deleteस्तरीय का खुलासा करती मुहावरे पर सटीक सृजन।
ReplyDeleteअप्रतिम शुभा जी ।