जिंदगी हमें सिखाती है समय का सदुपयोग करना ,समय हमें सिखाता है जिंदगी की कीमत करना ।
जैसे गलत चीजों म़े पैसा लगाने से वो डूब जाता है ,वैसे ही गलत कामों में समय बर्बाद करने से असफलता ही मिलती है ।
समय की कद्र करो ,वो आपकी कद्र करेगा समय तो सभी के पास समान है ,फिर क्यों कोई सफल और कोई असफल । समय का सही इस्तेमाल करें । हर काम की पूर्व तैयारी करें । हर काम के लिए समय को विभाजित करें और उसपर अमल करें । आपको ही निश्चित करना होगा कि किस काम को कितना समय देना है ।
सही वक्त का इंतजार मत करो ,ये खुद से नहीं आता ,उसे लाना पडता है ।
जिसने समय की कीमत जान ली ,उसकी जिंदगी सँवर गई ।
शुभा मेहता
15th Oct, 2021
https://youtu.be/OSDWi4P04Os
सार्थक संदेश देता आपका ये आलेख बहुत सराहनीय है । बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteधन्यवाद जिज्ञासा जी ।
Deleteबहुत सुंदर सृजन शुभा जी ।
ReplyDeleteधन्यवाद मीना जी ।
ReplyDeleteसुंदर सृजन
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी ।
Deleteसही फ़रमाया आपने।
ReplyDeleteधन्यवाद जितेन्द्र जी ।
Deleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद आलोक जी ।
Deleteआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (20-10-2021) को चर्चा मंच "शरदपूर्णिमा पर्व" (चर्चा अंक-4223) पर भी होगी!
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत -बहुत धन्यवाद आदरणीय । जी ,जरूर आऊँगी ।
Deleteऔर जिसने समय खरीदना बेचना सीख लिया उसका क्या :) बस यूँ ही
ReplyDeleteसुन्दर |
बहुत-बहुत धन्यवाद सर ।
Deleteबहुत ही सार्थक पोस्ट शुभा जी, हृदय से साधुवाद।
ReplyDeleteअभिनव।
बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteसार्थक संदेश आ0
ReplyDeleteसत्य कहा
बहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteसार्थक संदेश देता आलेख।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद विकास जी ।
Deleteबहुत ही सच बात लिखी है आपने ।
ReplyDeleteजी ,जरूर ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
ReplyDeleteबिलकुल सही...
ReplyDeleteजिसने समय की कीमत जान ली,उसकी जिंदगी सँवर गई । बिल्कुल सत्य कथन, शुभा दी।
ReplyDeleteबहुत ही सार्थक ,ज्ञानवर्धक पोस्ट।हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteजिसने समय की कीमत जान ली,उसकी जिंदगी सँवर गई ।
ReplyDeleteसही कहा बहुत सटीक सार्थक एवं सारगर्भित सृजन
आदरणीय ,
ReplyDeleteमैं पहली बार आपके Blog पर आया हूँ आपका लेख सत प्रतिशत सार्थक है।
सच में वक्त से ज्यादा अभिमानी और घमण्डी कोई नहीं
किसी कि रुदन और ठहाके से उसे कोई मतलब नहीं
वस सर उठायें धुन में अपने चलता जाता है।
किन्तु एक हक्कित यह भी है कि यदि साथ चले तो
जीवन में उससे बड़ा हमसफर कोई साथी नहीं।
सहज सार्थक सन्देश ...
ReplyDeleteवक़्त की कीमत समझना बहुत ज़रूरी है ...
बिलकुल सही बात
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