दोस्तों हम अक्सर लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि हमारा तो भाग्य ही खराब है ,लक काम ही नहीं करता वगैरह -वगैरह ...।
आज मैं आपको बताती हूँ ,भाग्य कैसे काम करता है ...
भाग्य =
prepration + Attitude+opportunity+
Action
तैयारी+रवैया+मौका +कार्य (मेहनत)=भाग्य
खाली बैठकर भाग्य को दोष मत दीजिए ।
तैयारी कीजिए , उसपर अमल कीजिए ,मेहनत कीजिए और जब भी अच्छा मौका मिले आगे बढने का,उसे हाथ से जाने न दीजिए ।
शुभा मेहता
17th feb ,2022
भाग्य की बहुत ही सुंदर परिभाषा, शुभा दी।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ज्योति ।
Deleteएकदम सही कहा आपने!
ReplyDeleteधन्यवाद मनीषा
Deleteसही है, हमारा आज का कर्म ही कल का भाग्य बनता है
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी ।
Delete
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज शुक्रवार (१८-०२ -२०२२ ) को
'भाग्य'(चर्चा अंक-४३४४) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
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Deleteआमंत्रण भूलने हेतु माफ़ी चाहती हूँ दी।
ReplyDeleteसादर
अरे ,कोई बात नहीं ।
Deleteभाग्य की गणितीय परिभाषा 😀
ReplyDeleteधन्यवाद गगन जी।
Deleteभाग्य को बहुत करीने से परिभाषित किया है
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति
सादर
बहुत-बहुत धन्यवाद ज्योति जी ।
Deleteभाग्य की सटीक और सारगर्भित परिभाषा ।
ReplyDeleteधन्यवाद जिज्ञासा जी ।
Deleteभाग्य को बहुत बढ़िया तरीक़े से परिभाषित किया है आपने । बहुत सुंदर शुभा जी !
ReplyDeleteधन्यवाद मीना जी ।
Deleteवाह। भाग्य को पुनर्परिभाषित किया आपने ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteवाह शुभा जी! शानदार परिभाषा सूत्र के साथ सुंदर सृजन। आँसू को पसीने में बदलो मेहनत से नसीबों बदलते हैं...
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद मीना जी ।
Deleteसच कहा है ... अच्छे से परिभाषित किया है ...
ReplyDeleteधन्यवाद दिगंबर जी ।
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteभाग्य को बहुत बढ़िया से परिभाषित किया आपने
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