Thursday, 2 March 2023

होली (संस्मरण)

सबसे पहले मेरे सभी ब्लॉगर मित्रों को होली की हार्दिक  शुभकामनाएँ 🌷🌷🌷🌷🌷

  होली का पर्व  आपसी प्रेम व सद्भाव  बढाने का होता है ।कहते हैं इस दिन सब गिले शिकवे भूलकर  एक दूसरे के साथ मिलकर  रंग लगाते है और खुशियाँ  मनाते हैं ।
 मुझे भी मिलजुल कर होली खेलना अच्छा लगता था ....आप सोच रहे होंगे था से क्या मतलब ,अब अच्छा नहीं लगता क्या ?
 बात  कुछ पंद्रह साल  पुरानी है ।जब हम गाँधी जी की नगरी पोरबंदर  रहा करते थे । हमारी कॉलोनी में भी होली का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाते थे हम सब मिलकर  । 
  सब लोग मस्ती में रंग और गुलाल से खेल रहे थे ...तभी किसी नें मेरे बालों में बहुत  सारा रंग  डाल दिया और कुछ क्षणों के बाद ही मुझे तीव्र  जलन महसूस  होनें लगी ...मानों किसी नें मिर्च  का पाउडर  डाल दिया हो ..कुछ देर में वो जलन असहनीय  हो गई  ,मैं जल्दी से घर की ओर भागी ..।
 बालों को सीधा ठंडे पानी के नीचे रखा ...बहुत  धोया पर जलन कम नही हुई  ...तभी मेरे बाल जडों से हाथ में आने लगे ..इतने सारे .....मैं तो जोर -जोर से रोने लगी ..।(उस समय बहुत  लम्बे बाल थे ) 
 घर वाले ढाढस  बंधा रहे थे ,मैं रोए जा रही थी ।
  बाल बहुत निकल चुके थे । 
   किससे कहते और क्या ? सभी अपनें ही थे ...।
    अभी भी उसका असर है ,दिल और दिमाग  पर ....।
     अब मन नहीं करता होली खेलने का ।
     बाद में पता लगा कि उनमें से एक फैक्ट्री में केमिस्ट था ..।
  शुभा मेहता 
3rd March ,2023
  

21 comments:

  1. शुभा दी, कुछ लोग ऐसे होते है जो अच्छे भले त्यौहार का मजा किरकिरा कर देते है। भीड़ में ऐसे लोग पहचाने भी तो नही जाते!

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही बात है ज्योति ,भीड में कुछ लोग ऐसे निकल ही आते हैं । होली की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ ।

      Delete
  2. बिल्कुल सही कह रही है शुभा जी,लोग मजाक-मजाक में कुछ करने से पहले ये सोचते ही नहीं कि इसका परिणाम होगा और ख़ुशी के पर्व की दुखद यादें दे जाते हैं। होली की हार्दिक शुभकामनायें आपको

    ReplyDelete
    Replies
    1. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ सखी

      Delete
  3. अब तो हर्बल कलर भी आने लगे हैं। होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ व

      Delete
  4. आदरणीया मैम, बहुत ही मर्मान्तक लघुकथा। बुरा न मानो होली है के नाम पर कुछ लोग खुशियाँ बाँटने की जगह इस त्यहार पर औरों को या तो पररशानि या फिर जीवन भर का घाव दे देते हैं। है परिहास और खेल बोझिल पलों में सुख की चाभी है, इसे किसी के मानसिक सन्ताप का कारण नहीं बनाना चाहिए।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद अनंता जी ।

      Delete
  5. बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय अनीता ।

    ReplyDelete
  6. जी शुभा जी,बहुत ही हृदयविदारक संस्मरण है आपका।धन्धे
    की आड़ में त्यौहार का उत्साह मिट्टी मे मिलाने वाले अधम व्यापारियों की कमी नहीं।आपसी सौहार्द को बढावा देने की बजाय जीवन भर का दर्द देने वाला अनुभव सदा याद रह्ता है।ईश्वर ना करे कि किसी को इस तरह के अनुभव से गुजरे।बहुत ही सटीकता से लिखा है आपने।फिर 2होली पर ढेरों शुभकामनाएं।♥️♥️🙏

    ReplyDelete
    Replies
    1. सच में प्रिय रेणु जी , कुछ लोग सभी जगह ऐसे मिल ही जाते हैं ।
      होली पर्व् की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ



      Delete
  7. होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ शुभा जी ! इस प्रसंग द्वारा एक सीख कि होली खेलने से पूर्व रंगों का चुनाव सोच समझ कर करना चाहिए ॥

    ReplyDelete
  8. आपको भी होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ मीना जी ।

    ReplyDelete
  9. होली की शुभकामनाएँ । मर्मान्तक संस्मरण ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ सखी ।

      Delete
    2. आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ सखी ।

      Delete
  10. मर्मान्तक लघुकथा। होली की हार्दिक शुभकामनायें l

    ReplyDelete
    Replies
    1. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ

      Delete
  11. कटु संस्मरण। शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  12. आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ हिमकर जी

    ReplyDelete
  13. होली पर ऐसी हृदयविदारक घटना।
    अंदर तक हिला गई। सच ऐसी दर्द भरी याद के साथ कैसे कोई त्योहार का आनंद ले सकता है?
    कुछ घटनाएं जीवन भर का दर्द दे जाती हैं।
    आपको हार्दिक शुभकामनाएं सखी 💐💐

    ReplyDelete