हम तो आ गए भैया
नए नगर को
कहते लोग जिसे हैं
मायानगरी .......
जहाँ हर तरफ है अफरातफरी
गगनचुम्बी इमारतें ..
किया हमनें भी वहीं बसेरा
अच्छा लग रहा है ..
हाँ , याद तो आती है
पुराने शहर की
पर ठीक है
जीवन में आना जाना
लगा रहता है
नई नगरिया
नई डगरिया
बस अच्छे से गुजर जाए...
शुभा मेहता
सराहनीय सृजन।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद मनोज जी ।
Deleteखूबसूरत सृजन
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ओंकार जी
Deleteशुभकामनाएं नए शहर के लिए | सुन्दर अभिव्यक्ति |
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सुशील जी ।
Deleteसुन्दर कविता. नमस्ते
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद तुषार जी ।
ReplyDeleteखूब कही, मायानगरी
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
Deleteसुंदर पंक्तियाँ।
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