हर गली -मौहल्ले में
चाहे महिलाएं हो या पुरुष
सभी के लिए
ब्यूटी पार्लर ......
लोग जब
इन दुकानों से
बाहर निकलते हैं
तो पहचानें नही जाते
बहुत ढूंढी पर
मन की सुंदरता की
कोई दुकान
मिली नहीं ...
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद अनीता जी
Deleteसही कहा, मन की सुंदरता बढ़ाने के भी उपाय ढूँढ़ें कोई..
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर।
बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी
Deleteसुंदर पंक्तियाँ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद नितिश जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद मनोज जी
Deleteमन की सुन्दरता की कोई दूकान नहीं मिली - सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आलोक जी
Deleteसच और सटीक बात
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद।
Deleteबहुत सुन्दर और सटीक सृजन शुभा जी ! सादर नमस्कार!
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सखी
Deleteबहुत ही सुंदर वर्णन किया पार्लरों का
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
Deleteयथार्थ रचना
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत ही सुंदर
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ओंकार जी
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