Saturday, 10 May 2014

माँ

ऐ माँ तू कितनी अच्छी है ...प्यारी-प्यारी है ।
   माँ तो होती ही ऐसी है ।इस सृष्टि का सबसे अद्भुत ,सुंदर रूप  ।
    माँ तो वो होती है जो खुद गीले में सोकर अपने बच्चे को सूखी जगह पर सुलाती है ,बीमार होने पर रात-रात भर जागती है । आज भले ही डाइपर और रेडीमेड खाने के जमाने में माँ को गीले में नहीं सोना पड़ता पर माँ तो माँ ही होती है । आज के इस स्पर्धात्मक समय में बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए  उसे दोहरी जिममेदारी निभानी पडती है  । वह घर और नौकरी अथवा व्यवसाय दोनों जिममेदारीयों को बखूबी निभाती है
       धन्य है माँ ।
      happy mother's day.

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